यूपी पंचायत चुनाव में फर्जी मतदाताओं पर नजर रखेगा मोबाइल एप, कैप्चर होगी वोटरों की फोटो
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप मतदान कर्मियों को मतदाताओं की फोटो कैप्चर कर डेटाबेस से मिलान करने में मदद करेगा, जिससे फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी और चुनाव में पारदर्शिता आएगी। आयोग का मानना है कि इससे केवल वास्तविक मतदाता ही वोट डाल पाएंगे।

यूपी पंचायत चुनाव में फर्जी मतदाताओं पर नजर रखेगा मोबाइल एप।
जागरण संवाददाता, महराजगंज। अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान रोकने के लिए इस बार चुनाव प्रक्रिया और भी तकनीकी व पारदर्शी होने जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग एक विशेष मोबाइल एप तैयार कर रहा है, जिसकी मदद से प्रत्येक मतदान केंद्र पर आने वाले मतदाता का फोटो बूथ पर ही खींचा जाएगा।
यह फोटो कुछ ही क्षणों में आयोग के सर्वर पर सिंक हो जाएगी और उसी आधार पर यह पता चल सकेगा कि संबंधित मतदाता पहले कहीं मतदान कर चुका है या नहीं। इससे एक व्यक्ति एक ही चरण में, या किसी अन्य चरण में दोबारा वोट डाल पाने की संभावना पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में कुल 18 लाख 66 हजार 651 मतदाता दर्ज थे। जांच में तीन लाख 74 हजार 194 मतदाता ऐसे पाए गए, जिनके नाम, पिता के नाम और लिंग समान थे, जिनके सत्यापन चल रहे हैं, हालांकि इसमें से करीब 25 से 30 प्रतिशत ही डुप्लीकेसी पकड़ में आ रही है।
आयोग का मानना है कि इनमें बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। चूंकि वर्तमान में पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में फोटो उपलब्ध नहीं है, इसलिए फर्जी मतदान की आशंका हमेशा बनी रहती है। यह मोबाइल एप इसी चुनौती से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है, जो पलक झपकते ही यह बता देगा कि मतदाता कहीं पहले वोट तो नहीं डाल चुका है।
मतदान के दिन इस एप का उपयोग सभी पीठासीन अधिकारी करेंगे। वे अपने मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी से इस एप में लाग-इन कर सकेंगे। कोई मतदाता बूथ पर पहुंचेगा, तो मतदान कर्मी इस एप से उसकी फोटो लेकर अपलोड करेंगे।
फोटो के साथ ही मतदाता का विशिष्ट पहचान नंबर भी सर्वर पर दर्ज हो जाएगा। यदि कोई मतदाता दूसरी जगह जाकर वोट देने की कोशिश करता है, तो तुरंत अलर्ट जारी होगा और उसकी पूर्व मतदान की लोकेशन और समय की जानकारी सामने आ जाएगी। पीठासीन अधिकारी उसके बाद ऐसी हरकत करने वाले मतदाता को मौके पर ही पकड़ सकेंगे, जिसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
आयोग इस बार सभी मतदाताओं को नौ अंकों का स्टेट वोटर नंबर जारी करेगा, जो उनकी स्थायी और विशिष्ट पहचान बनेगा। इसके बाद किसी भी मतदाता के नाम का एक से अधिक जगह दर्ज होना संभव नहीं होगा। एक बूथ पर वोट डालने के बाद वह किसी अन्य बूथ पर जाकर दोबारा वोट नहीं दे सकेगा।
इस प्रणाली से फर्जी मतदान की संभावना लगभग शून्य होने का दावा किया जा रहा है। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी नंद प्रकाश मौर्य ने बताया कि फर्जी मतदान पर सख्त सतर्कता बरती जाएगी।
हालांकि मोबाइल एप संबंधी कोई आधिकारिक पत्र अभी आयोग से नहीं मिला है, लेकिन आयोग द्वारा जारी हर दिशा-निर्देश का पालन कराते हुए निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव कराया जाएगा।

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