कफ सिरप पीने से मौत के बाद UP में अलर्ट, जब्त होंगे प्रतिबंधित दवा
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों के बाद यूपी सरकार सतर्क हो गई है। महराजगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। स्रेसन फार्मास्युटिकल्स के कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। औषधि निरीक्षकों को छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं और दो साल से कम उम्र के बच्चों को मल्टी ड्रग कंपोजिशन वाले सिरप से बचने की सलाह दी गई।

जागरण संवाददाता, नौतनवा। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से दर्जनों बच्चों की मृत्यु के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है। महराजगंज जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है।
नौतनवा क्षेत्र के अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों पर जांच का सिलसिला तेज हो गया है। सहायक आयुक्त (औषधि) दिनेश कुमार तिवारी ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित सभी कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है।
सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी और निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोरों व क्लीनिकों पर छापेमारी कर प्रतिबंधित कफ सिरप को जब्त किया जाए।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के महानिदेशक स्वास्थ्य ने पत्र जारी कर 2 साल से कम उम्र के बच्चों को मल्टी ड्रग कंपोजिशन युक्त कफ सिरप न देने के निर्देश दिए हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षकों को पत्र जारी कर सतर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सिरप की जगह टैबलेट या अन्य वैकल्पिक दवाओं
का इस्तेमाल किया जाए। नौतनवा में भी स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर स्थानीय मेडिकल स्टोरों और अस्पतालों की जांच शुरू कर दी है। औषधि निरीक्षक की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिबंधित कंपनी के कफ सिरप के नमूने संकलित कर लखनऊ लैब भेजें। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक इनका उपयोग पूरी तरह बंद रखा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं भी प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री या उपयोग होता पाया गया, तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। नौतनवा सहित पूरे जिले में दवा की दुकानों और अस्पतालों की नियमित जांच की जा रही है। किसी को भी बच्चों की जान से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।
-डाॅ. श्रीकांत शुक्ला, मुख्य चिकित्साधिकारी, महराजगंज
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