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    नारायणी के पार नेटवर्क खड़ा कर रहा 'पुष्पा राज', भारतीय सीमा में आते ही दोगुने दाम पर बिक रही धूप की लकड़ी

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 12:35 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में नारायणी नदी के पार 'पुष्पा राज' नामक एक नेटवर्क धूप की लकड़ी की तस्करी कर रहा है। भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही इस लकड़ ...और पढ़ें

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    विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। सोनौली से लेकर झुलनीपुर तक नेपाल की खुली सीमा से अब तक छिटपुट होने वाली धूप लकड़ी (गुग्गुल, अगरवुड) की तस्करी अब सिंडिकेट की शक्ल लेने लगी है।

    नेपाल के पूर्वी हिमालय क्षेत्र व मध्य पर्वतीय घाटियों में इसकी बहुलता है। स्यालजा, कास्की, तनहू, डोल्पा, मुस्तांग, सुर्खेत, पाल्पा, गोरखा के पर्वतीय जंगलों व तराई के कुछ जिलों में मिलने वाली इस कीमती लकड़ी को तस्कर साइकिल या बोरे में लेकर सीमा पार कराते थे, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी बरामदगी ने सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।

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    सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल वन क्षेत्र से होकर बहने वाली नारायणी नदी के रास्ते तथा सोनौली, ठूठीबारी व निचलौल क्षेत्र की पगडंडियों से लाई जा रही धूप की लकड़ी की बरामदगी तस्करों के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है। नेपाल में 100 से 150 रुपये प्रति किलो मिल जाने वाली लकड़ी भारतीय सीमा में पहुंचते ही 200 से 300 रुपये प्रति किलो हो जा रही है।

    सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि तस्करों ने नेटवर्क तैयार कर लिया है और सिंडिकेट की तरह काम करके तस्करी का माल सीमा पार पहुंचाया जा रहा है। हालांकि वे धूप की लकड़ी में अर्जुन व साल भी मिला दे रहे हैं, लेकिन कम कीमत के चलते भारतीय क्षेत्र में यह लकड़ी हाथों हाथ बिक जा रही है।

    धूप बत्ती से लेकर बनाते हैं औषधि उत्पाद

    नेपाल से लाई जा रही धूप की लकड़ी से धूपबत्ती, हवन सामग्री व औषधीय उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इसका उपयोग पूजा-पाठ, अरोमाथेरपी व आयुर्वेदिक इलाज के लिए होता है। इससे रस निकाल कर गठिया, बुखार, खांसी और त्वचा रोग का इलाज किया जाता है। इसको उबाल कर मरहम और अन्य औषधि भी तैयार की जाती है।

    भारत-नेपाल सीमा से बरामद की गई धूप की लकड़ी

    • 27 नवंबर को एसएसबी ने सोनौली क्षेत्र के बरगदही में आम के बगीचे के पास से एक पिकअप में रखी 44 बोरी में 19.52 क्विंटल लकड़ी बरामद किया था। 
    • 25 नवंबर को इसी क्षेत्र से पिकअप में रखी 52 बोरी धूप की लकड़ी को एसएसबी ने बरामद किया था।
    • छह नवंबर को एसएसबी झुलनीपुर ने लक्ष्मीपुर खुर्द से 4.75 क्विंटल धूप की लकड़ी बरामद किया था।
    • 17 अक्टूबर को गंडक नदी के रास्ते नाव से लाई जा रही 56.68 क्विंटल धूप की लकड़ी को बरामद किया गया। वन विभाग की टीम जब करीब पहुंची तो तस्कर नदी में कूद कर फरार हो गए।
    • 12 अक्टूबर को एसएसबी की झुलनीपुर टीम ने लक्ष्मीपुर खुर्द में नेपाल से भारत लाई जा रही साढ़े छह क्विंटल लकड़ी बरामद किया था।

    हाल के दिनों में धूप की तस्करी को देखते हुए वन कर्मियों को सतर्क किया गया है। नारायणी नदी से नाव के रास्ते तस्कर लकड़ी लेकर न आ पाएं, इसके लिए वनकर्मियों को नियमित रूप से गश्त के निर्देश दिए गए हैं।

    -निरंजन सुर्वे, प्रभागीय वनाधिकारी, सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाव