नेपाल जेल से भागे कैदी उमर शेख ने सोनौली थाने में किया आत्मसमर्पण, बोला- जान जाने का सता रहा था डर
नेपाल की जेल से भागे कैदी मोहम्मद उमर शेख ने सोनौली कोतवाली में आत्मसमर्पण किया। 2016 में अपहरण के मामले में दोषी पाए गए शेख ने जेन जी आंदोलन के दौरान जेल में अफरा-तफरी मचने पर भागकर अपनी जान बचाई थी। स्थिति सामान्य होने पर उन्होंने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया क्योंकि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने उन्हें नेपाल पुलिस को सौंप दिया है।

जागरण संवाददाता (नौतनवा) महराजगंज। नेपाल में भ्रष्टाचार के विरुद्ध हुए जेन जी आंदोलन के दौरान काठमांडू स्थित सुंधारा कारागार से भागकर भारत आए कैदी मोहम्मद उमर शेख ने गुरुवार को सोनौली कोतवाली में आत्म समर्पण कर दिया। इसके बाद सोनौली पुलिस ने उसे नेपाल पुलिस को सौंप दिया। जहां से नेपाल पुलिस ने उसे जेल के लिए रवाना किया।
महराजगंज के सोनौली कस्बा निवासी मोहम्मद उमर शेख वर्ष 2016 में नेपाल में अपहरण के एक केस में दोषी ठहराए गए थे। वह नेपाल में प्लाईवुड का कारोबार करते थे और वैध रूप से भंसार (कस्टम क्लियरेंस) कर सामान मंगवाते थे।
उमर का कहना है कि कुछ विरोधियों ने उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाया और बिना किसी ठोस गवाही के उन्हें नौ साल की सजा सुनाई गई। वह अब तक अपनी सजा सुंधारा जेल में काट रहे थे। इसी बीच जेन जी आंदोलन के दौरान जेल में अफरा-तफरी मच गई।
सुरक्षा बल कम पड़ गए और कई कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए। अपनी जान बचाने के उद्देश्य से वह भी भागकर 11 सितंबर को सोनौली में अपने घर चले आए। जब नेपाल में शांति हो गई तो अब आत्म समर्पण का निर्णय लिया। उमर शेख की सजा 26 सितंबर 2025 को पूरी हो रही है।
साेनौली कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि नेपाल से फरार कैदी उमर शेख गुरुवार की दोहपर थाने पर आकर आत्म समर्पण कर दिया है। इसके बाद उसे नेपाल पुलिस को सुपुर्द करते हुए नेपाल पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
डर था की जेल में न मार दिए जाएं :
उमर ने बताया जेल के भीतर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। कुछ कैदी आपसी रंजिश के चलते एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। मुझे डर था कि कहीं मुझ पर भी हमला न हो जाए। ऐसे में जान बचाने के लिए मैं भी वहां से निकल आया और अपने घर सोनौली लौट आया।
उन्होंने बताया कि वह पहले से ही यह सोचकर निकले थे कि जब स्थिति सामान्य होगी, तब वे वापस जेल चले जाएंगे। अब जब नेपाल में शांति लौट आई है और पूर्व न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री हैं, तो उनसे न्याय मिलने की उम्मीद है।

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