Pankaj Chaudhary: मोदी कैबिनेट 3.0 में बने मंत्री, कुर्मी वोटों पर है मजबूत पकड़; महाराजगंज में सात बार खिलाया कमल
Modi Cabinet 3.0 महज 27 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बने पंकज चौधरी ने समय के साथ इस जिले को भाजपा का गढ़ बना दिया। कुर्मी बहुल क्षेत्र होने के चलते जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में बैठ गया। सपा-बसपा के शासन काल में जब सियासी हवा का रुख विपरीत रहा तब भी उन्होंने दलीय निष्ठा नहीं छोड़ी।
विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। Modi Cabinet 3.0: ''दीया लेकर खोजने पर भी ऐसा सांसद नहीं मिलेगा। आप इन्हें विजयी बनाकर भेजिए, भाजपा इन्हें बड़ा आदमी बनाएगी।'' केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 30 मई की चुनावी जनसभा में जो वादा महराजगंज की जनता से किया था, नरेन्द्र मोदी ने दस दिन के भीतर ही उसे पूरा कर दिया।
महराजगंज से सातवीं बार सांसद बने पंकज चौधरी को लगातार दूसरी बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर मोदी ने साबित कर दिया कि भाजपा जो कहती है वह करके दिखाती है।
राजनैतिक सफर में कभी पीछे नहीं मुड़े पंकज चौधरी
पंकज चौधरी ने 35 साल के राजनैतिक सफर में पीछे मुड़ कर नहीं देखा। गोरखपुर नगर निगम के पार्षद चुने जाने के बाद वह भाजपा में पूरी तरह से सक्रिय हो गए। 1991 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें महराजगंज से प्रत्याशी बनाया।
महज 27 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बने पंकज चौधरी ने समय के साथ इस जिले को भाजपा का गढ़ बना दिया। कुर्मी बहुल क्षेत्र होने के चलते जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में बैठ गया। सपा-बसपा के शासन काल में जब सियासी हवा का रुख विपरीत रहा, तब भी उन्होंने दलीय निष्ठा नहीं छोड़ी। इसी के चलते भाजपा ने लगातार नौवीं बार उन्हें टिकट दे मैदान में उतारा। 1999 व 2009 के चुनावों को छोड़ दें तो हर बार वह अपराजेय रहे।
पहली बार अपने गढ़ में मिली थी चुनौती
इस बार के लोकसभा चुनाव में पंकज चौधरी को पहली बार अपने गढ़ में चुनौती मिली। इंडी गठबंधन ने उनके स्वजातीय फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बना चुनावी रण में उतारा तो पहले से बने बनाएं जातीय समीकरण में सेंधमारी शुरू हो गई। साढ़े तीन दशक के चुनावी सफर में पहली बार उन्हें कुर्मी, पटेल व सैंथवार मतदाताओं में बंटवारा देखने को मिला।
2019 के चुनाव में 3.40 लाख मतों के भारी अंतर से जीतने वाले पंकज चौधरी रोचक चुनावी मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी को 35451 मतों से पराजित कर उन्होंने अपने राजनैतिक कौशल और लोगों के बीच अपनी मजबूत पकड़ का परिचय दिया। इसी के साथ ही उन्होंने चुनावी जीत की दूसरी हैट्रिक लगाते हुए महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में सातवीं बार कमल खिलाया और वरिष्ठ सांसदों की कतार में खड़े हो गए।
पैदल चलकर पंकज के घर गए थे पीएम
सात जुलाई 2023 को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने गोरखपुर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम के बीच में ही समय निकालकर पंकज चौधरी के घर पहुंच गए थे। गोरखपुर के घंटाघर हरिवंश गली में स्थित पंकज के घर का रास्ता संकरा होने के चलते करीब 200 मीटर दूर ही प्रधानमंत्री का वाहन रुक गया। वहां से प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पैदल ही पंकज चौधरी के घर पहुंचे थे।
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प्रधानमंत्री ने उनके परिवार में सभी बात कर माता उज्जवल चौधरी से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। उन्हें प्रणाम करते हुए पीएम ने कहा था कि- ''और अम्मा जी , क्या हाल है आप का। सुना था आप दिल्ली मुझसे मिलने आने वाली हैं। मैं सोचा खुद चलकर आप से मिल लूं''।
प्रोफाइल
- नाम- पंकज चौधरी
- जन्मतिथि-15 नवंबर 1964
- शिक्षा- इंटरमीडिएट
- पिता-भगवती प्रसाद चौधरी
- माता-उज्जवल चौधरी
- पत्नी-भाग्यश्री चौधरी
- व्यवसाय-उद्योग व कृषि
राजनीतिक सफर
- 1989 में नगर निगम गोरखपुर के पार्षद व उप सभापति चुने गए।
- 1991, 1996 ,1998 , 2004 , 2014 , 2019 व 2024 में महराजगंज से सांसद बने।
- 1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव में पराजित हुए।
- 2021 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बने।
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