भैरहवा मेडिकल कॉलेज में नर्सों का आंदोलन जारी, नए रोगियों की भर्ती रोकी
भैरहवा मेडिकल कॉलेज में नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसके चलते नए मरीजों की भर्ती रोक दी गई है। नर्सें बेहतर वेतन और कार्यस्थल की परिस्थितियों की मांग कर रही हैं। कॉलेज प्रशासन इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।

यूनिवर्सल मेडिकल कॉलेज की नर्सों का आंदोलन। जागरण
संवाद सूत्र, सोनौली। सरकारी अस्पतालों के बराबर सेवा सुविधा की मांग को लेकर भैरहवा स्थित यूनिवर्सल मेडिकल कॉलेज की नर्सों का आंदोलन बुधवार को 10 वें दिन भी जारी रहा। नर्सों ने नए रोगियों की भर्ती रोक दी है, जबकि आकस्मिक, डायलिसिस और क्रिटिकल केयर वार्ड में काली पट्टी बांधकर रोगियों की सेवा दे रही हैं।
नर्स रश्मी गहतराज ने बताया कि ओपीडी खुले हैं,लेकिन नर्सिंग और पैरामेडिकल सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। रोगी आ रहे हैं, मगर इलाज में कठिनाई हो रही है। प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन हमारी राय लिए बिना एकतरफा निर्णय लिया गया, इसलिए प्रतिनिधि मंडल ने बैठक छोड़ दी। नर्सों ने चेतावनी दी है कि यदि 5 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
देशभर में आंदोलन का असर:
भैरहवा से शुरू होकर यह आंदोलन अब पोखरा, विराटनगर और काठमांडू के कई निजी अस्पतालों तक फैल चुका है। पोखरा, गंडकी और मणिपाल मेडिकल काॅलेज की नर्सें भी आंदोलन में शामिल हैं।
गंडकी मेडिकल कॉलेज की नर्सों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक सहमति नहीं दी है, जिससे वार्डों में रोगियों की संख्या कम हो गई है। मणिपाल की नर्सें रोज़ाना दो घंटे का आंदोलन कर काली पट्टी बांधकर ड्यूटी कर रही हैं।

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