इंटरनेट पर रोक से नेपाल में बवाल, 9 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद सोनौली से सटे भैरहवा-पोखरा में तोड़फोड़
नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। काठमांडू पोखरा और भैरहवा में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और संसद भवन में घुसने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग की जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है और यातायात बाधित है।

जागरण संवाददाता, महराजगंज । पड़ोसी देश नेपाल में विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों को बंद किए जाने से युवा आंदोलित हैं। राजधानी काठमांडू, पोखरा व सोनौली सीमा से सटे भैरहवा में युवाओं ने प्रदर्शन कर तोड़फोड़ किया।
प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू स्थित संसद भवन में भी घुसने का प्रयास किया। जिस पर नेपाल पुलिस ने फायरिंग कर आंसू गैस के गोले दागे।
फारयिंग में नौ प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हो गई है , वही 80 लोग घायल हैं। राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ट्रामा सेंटर में 30 से अधिक घायलों के भर्ती होने की सूचना है। मेडिकल एजुकेशन स्टडी यूनिट के प्रमुख डा. बद्री रिजाल के अनुसार, राष्ट्रीय ट्रामा सेंटर में 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को भर्ती किया गया है।
जनरेशन-Z नामक संगठन से जुड़े युवाओं की भीड़
पोखरा के साहबराह चौक पर जनरेशन-Z नामक संगठन से जुड़े युवाओं की बड़ी संख्या में भीड़ जमा हुई। युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुबह नौ बजे शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर लगे प्रतिबंध को तुरंत वापस ले और भ्रष्टाचार के सभी मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा दे। प्रदर्शन में शामिल युवाओं का कहना है कि इंटरनेट मीडिया आज सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि उनकी आवाज और अभिव्यक्ति का माध्यम है। युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे।
सड़क जाम होने से प्रभावित रहा यातायात
प्रदर्शन के चलते पोखरा के साहबराह चौक से होते हुए न्यू रोड और चिपलेढुंगा की ओर जाने वाले सभी मार्गों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से वाहनों को डायवर्ट किया, लेकिन शहर के मध्य भाग में यातायात पूरी तरह ठप रहा।
इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्वतन्त्र पार्टी (RSP) और काठमांडू के मेयर बलेंद्र शाह समेत कई नेताओं का भी समर्थन मिला है। इन नेताओं ने सरकार से अपील की है कि युवाओं की मांगों को गंभीरता से लिया जाए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए।
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