भारतीय टूरिस्ट बस पर हमला, 49 पर्यटक थे सवार, लूटपाट-पथराव में कई घायल
नेपाल में जेन जी आंदोलन के दौरान भारतीय पर्यटकों की बस पर हमला हुआ जिसमें 49 में से कई यात्री घायल हो गए। आंदोलनकारियों ने बस में तोड़फोड़ की और यात्रियों से लूटपाट भी की जिसमें मोबाइल और गहने शामिल थे। भारतीय दूतावास की मदद से पर्यटकों को दिल्ली लाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।

जागरण संवाददाता, सोनौली। नेपाल में जारी जेन जी आंदोलन से भारतीय पर्यटक भी बुरी तरह प्रभावित हुए। गुरुवार को सोनौली सीमा पर पहुंचे प्रयागराज निवासी टूरिस्ट बस चालक शामू निषाद ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि आंदोलनकारियों ने काठमांडू में बनारस से गई एक पर्यटक बस पर हमला कर दिया।
बस में सवार 49 आंध्रप्रदेश के पर्यटकों में से सात से आठ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। आंदोलनकारियों ने बस में तोड़फोड़ की और यात्रियों के साथ लूटपाट भी की। कई दिन तक फंसे रहे पर्यटक। घटना नौ सितंबर की शाम काठमांडू में हुई, जब आंध्र प्रदेश के पर्यटक नेपाल दर्शन के लिए पहुंचे थे।
शाम के समय जेन जी आंदोलनकारियों ने अचानक बस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे बस के शीशे टूट गए और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कई यात्रियों को चोटें आईं।
पर्यटकों से छीने मोबाइल, पैसे और गहने
हमले के बाद आंदोलनकारियों ने बस में सवार यात्रियों से लूटपाट की। मोबाइल फोन, पैसे और सोने की चेन तक लूट ली गई। भय और तनाव के माहौल में पर्यटक काफी घबराए हुए थे। बस चालक ने बताया कि यदि समय रहते भारतीय दूतावास और भारत सरकार से मदद न मिली होती तो हालात और बिगड़ सकते थे।
भारत सरकार की मदद से दिल्ली लाए गए पर्यटक:
पर्यटकों को प्राथमिक उपचार देने के बाद भारत सरकार की मदद से सभी 49 यात्रियों को काठमांडू से दिल्ली लाया गया। टूर ऑपरेटर और प्रशासन के सहयोग से यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। घायलों का दिल्ली में इलाज चल रहा है।
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टूरिस्ट ऑपरेटरों में आक्रोश, नेपाल सरकार से सुरक्षा की मांग:
इस घटना के बाद टूरिस्ट बस आपरेटरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि नेपाल में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है और भारत से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को खतरा है। भारत सरकार से मांग की गई है कि नेपाल सरकार से वार्ता कर भारतीय पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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