ऑनलाइन टीएचआर वितरण में लापरवाही, सीडीपीओ समेत 47 का वेतन रोका
महराजगंज जिले में टीएचआर वितरण में फेस रिकाग्निशन सिस्टम (एफआरएस) को लेकर लापरवाही सामने आई है। ऑनलाइन वितरण न होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने 13 सी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, महराजगंज। जिले में अनुपूरक पुष्टाहार (टीएचआर) के वितरण में फेस रिकाग्निशन सिस्टम (एफआरएस) को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। स्थिति यह है, कि जिले में निर्देश के बावजूद भी ऑनलाइन तरीके से पोषाहार वितरण नहीं किया जा रहा है।
मात्र 25 प्रतिशत की प्रगति होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने समस्त 13 बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) और 34 मुख्य सेविकाओं का वेतन रोक दिया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि शासन द्वारा 25 नवंबर को ही मैनुअल वितरण पर रोष व्यक्त करते हुए ऑनलाइन एफआरएस प्रणाली से ही शत-प्रतिशत टीएचआर पोषाहार वितरण के निर्देश दिए गए थे।
इसके बावजूद 29 नवंबर को की गई समीक्षा में धानी, मिठौरा, परतावल, बृजमनगंज, पनियरा, सिसवां, सदर, शहर, घुघली, निचलौल, फरेन्दा, लक्ष्मीपुर और नौतनवां परियोजनाओं की प्रगति अत्यंत खराब पाई गई, जिस पर संबंधित परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इसके बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर 11 दिसंबर और 15 दिसंबर को पुनः चेतावनी पत्र जारी किए गए।
बावजूद इसके 22 दिसंबर को की गई ताजा समीक्षा में पोषण ट्रैकर पर टीएचआर वितरण की औसत प्रगति मात्र 25.91 प्रतिशत पाई गई। जिसमें परतावल में 44.90 प्रतिशत, निचलौल में 40.21 प्रतिशत और घुघली में 33.90 प्रतिशत वितरण दर्ज किया गया, जबकि बृजमनगंज में मात्र 5.19 प्रतिशत और धानी में 11.13 प्रतिशत ही वितरण हो सका।
सबसे गंभीर बात यह रही कि किसी भी सीडीपीओ द्वारा खराब प्रदर्शन करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए कोई पत्रावली जिला कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। इससे विभागीय निर्देशों के प्रति शिथिलता, लापरवाही और अनुशासनहीनता स्पष्ट होती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस असंतोषजनक प्रगति को लेकर समस्त 13 सीडीपीओ और 34 मुख्य सेविकाओं का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही चेतावनी दिया गया है, कि स्पष्टीकरण के माध्यम से जवाब उपलब्ध कराएं अन्यथा कि स्थिति में विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

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