Updated: Tue, 02 Sep 2025 05:30 PM (IST)
महराजगंज जिले में मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों के भुगतान में भारी संकट है। लगभग 95 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 का 93.52 करोड़ बकाया है। अगस्त 2024 से कोई भुगतान नहीं हुआ है जिससे ग्राम प्रधानों पर कर्ज बढ़ गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 2022-23 का बकाया चुकाने के लिए धनराशि आई है और बाकी भुगतान भी जल्द होगा।
जागरण संवाददाता, महराजगंज। मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों के भुगतान में जिला गहरे संकट से गुजर रहा है। एक सितंबर को पूरे प्रदेश के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किए गए, लेकिन यह राशि जिले की समस्या के सामने ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
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वजह यह है कि अकेले महराजगंज जिले में ही करीब 95 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। महराजगंज में बकाया की स्थिति देखें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 का लगभग 75 लाख रुपये, 2023-24 का करीब 24 लाख रुपये और 2024-25 का सबसे बड़ा 93.52 करोड़ रुपये अब तक भुगतान नहीं हुआ है।
खास बात यह है कि अगस्त 2024 के बाद से जिले में कोई भी भुगतान जारी नहीं हुआ। ऐसे में ग्राम प्रधानों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है और सप्लायर प्रतिदिन विभागीय कार्यालयों और प्रधानों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
जिले के हालात को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है, कि जब राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश के लिए सिर्फ 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं, तो महराजगंज जैसे जिलों में 95 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान कब और कैसे होगा।
हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह धनराशि सिर्फ और सिर्फ वित्तीय वर्ष 2022-23 के पुराने भुगतान के निपटारे के लिए है। डीसी मनरेगा गौरवेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल जो भुगतान आया है, वह 2022-23 का बकाया चुकाने के लिए है। उन्होंने कहा कि बाकी वित्तीय वर्षों का भुगतान भी जल्द ही आने वाला है।
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