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    खुद के लिए बनाई राह, दूसरों को भी दिया सहारा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 17 Oct 2020 11:19 PM (IST)

    युवतियों व महिलाओं को ब्यूटीशियन सिलाई कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रहीं हैं।

    खुद के लिए बनाई राह, दूसरों को भी दिया सहारा

    महराजगंज, जेएनएन: बुलंद इरादे व मेहनत से आशा मौर्य ने न सिर्फ खुद के लिए राह बनाई बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी सहारा बनी हैं। फरेंदा विकास खंड के ग्राम सभा फरेंदा खुर्द (टीचर्स कालोनी) की रहने वाली आशा की राह में अनेक कठिनाईयां आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बीते 11 साल से वह युवतियों व महिलाओं को ब्यूटीशियन, सिलाई, कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रहीं हैं।

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    शादी के बाद मुहिम शुरू करने वाली आशा का मानना है कि रोजगार की ताकत से सभी परिस्थितियों से सहजता से निपटा जा सकता है। एक हजार महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

    आशा आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने का अभियान चला रहीं हैं। अब तक एक हजार से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की। 1700 से भी अधिक युवतियों व महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुकीं हैं। उनको नारी सशक्तिकरण के प्रति जागरूक भी कर रही हैं। यह महिलाएं हुई आत्म निर्भर:

    आशा के प्रयास से रोशन जहां, मरियम, रेहाना, चंचल, अंतिमा, किरन, शिल्पा, मनोरमा, राजमती, सरिता, पूजा सहित अन्य महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर दूसरों को प्रशिक्षण दे रहीं हैं। रोशन जहां व मरियम ने कहा कि यदि आशा दीदी ने हमें प्रशिक्षण नहीं दिया होता तो हम आत्मनिर्भर नहीं बन पातीं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए आवश्यक है कि हम उन्हें रोजगार से जोड़ें। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक युवतियों को प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जा रहा है।

    आशा मौर्य