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    मधुबन नगर वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jan 2021 12:21 AM (IST)

    मधुबन नगर वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वार्ड में सड़क व नालियां दम तोड़ चुकी हैं वहीं नाली का स्लैब जगह- जगह टूटा हुआ है। सफाई के अभाव में कूड़े का ढेर लगा रहता है। तारों के मकड़जाल से वार्डवासियों को हर समय खतरा बना रहता है।

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    मधुबन नगर वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

    महराजगंज: आदर्श नगर पालिका मधुबन नगर वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वार्ड में सड़क व नालियां दम तोड़ चुकी हैं, वहीं नाली का स्लैब जगह- जगह टूटा हुआ है। सफाई के अभाव में कूड़े का ढेर लगा रहता है। तारों के मकड़जाल से वार्डवासियों को हर समय खतरा बना रहता है। नागरिक वार्ड की समस्याओं के निस्तारण के लिए चेयरमैन, ईओ व सभासद से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी कोई हल नहीं निकाला गया। गौतम सिंह ने कहा कि वार्ड में नालियों की स्थिति दयनीय है, जिससे नाली का पानी ओवरफ्लो होकर घरों के सामने जमा हो जाता है। महीनों से सफाईकर्मी नहीं आए हैं। राजकुमार ने कहा कि तारों के मकड़जाल के कारण अक्सर चिंगारियां निकलती है जिससे वह कमजोर होकर टूट जाती हैं। कई बार शिकायत करने के बाद जोड़ा जाता है। रामू गौड़ ने कहा कि वार्ड में सड़कों की हालत काफी खराब है। जगह-जगह गिट्टियां व ईंटे उखड़ने के कारण कई बार राहगीर गिरकर घायल हो जाते हैं। इब्राहिम का कहना है कि मार्ग पर स्थित नाली का स्लैब टूटने से खतरनाक गड्ढा बन गया है। जिसमें बच्चे, पशुओं के गिरने की आशंका बनी रहती है। सभासद गुड्डू अंसारी का कहना है कि वार्ड की सड़कों व नालियों की दुर्दशा नगरपालिका बोर्ड की बैठक में बताई गई है। जल्द मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा।

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    जलौनी की आड़ में कीमती पेड़ों का हो रहा सफाया

    ठंड का फायदा उठाकर लकड़ी चोर हरे पेड़ों से तैयार की गई जलौनी को पांच से छह सौ रुपये प्रति साइकिल की दर बेचकर जंगल का सफाया करने में जुट गए हैं। कारोबार से जुड़े लोग हर रोज सुबह होते ही कुल्हाड़ी लेकर जंगल में पहुंच जा रहे हैं, और वहीं पर पेड़ों को काटकर जलौनी तैयार कर दे रहे हैं। फिर तैयार जलौनी को देर शाम व अगले दिन भोर में डगरुपुर, बेलहिया, बरगदवा, असुरैना, सेखुआनी, रतनपुर, खोरिया आदि स्थानों पर खुली चाय की दुकानों पर व जरुरतमंदों को बेचकर अवैध कमाई कर रहे हैं। इससे न केवल जंगल के कीमती पेड़ों का तेजी से सफाया हो रहा हैं, वहीं दूसरी ओर कारोबार पर अंकुश न लगाए जाने से लकड़ी चोरों की तादात भी दिनों- दिन बढ़ती जा रही है। उत्तरी चौक रेंजर मोहन सिंह का कहना है कि जंगल में बिना अनुमति किसी का भी प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। चोरी छुपे जंगल में प्रवेश करने वालों के पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाती है।