महराजगंज में एक बार फिर टूट गया महाव नाला, बढ़ा नदियों का जलस्तर
नेपाल में भारी वर्षा के कारण महराजगंज की नदियों में उफान आ गया है। गंडक राप्ती रोहिन चंदन और प्यास नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिसमें महाव नाला खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बरगदवा और चकरार गांव के पास नाला टूटने से खेतों में पानी भर गया है। बघेला नाले के उफनाने से धान की फसलें डूब गई हैं जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

जागरण संवाददाता, महराजगंज। नेपाल की पहाड़ियों पर लगातार हो रही वर्षा का असर बुधवार को जिले की नदियों में साफ दिखाई दिया। गंडक, राप्ती, रोहिन, चंदन और प्यास नदियों के जलस्तर में तेजी आई। सबसे चिंताजनक स्थिति महाव नाले की रही। बुधवार को इसका जल स्तर अचानक बढ़कर 13.05 फीट हो गया, जो खतरे के निशान से आठ फीट ऊपर है। दबाव बढ़ने से बुधवार दोपहर करीब एक बजे बरगदवा एवं चकरार गांव के सामने महाव नाला पूर्व की तरफ ओवरफ्लो कर 30 फीट तक टूट गया।
नाले के टूटते ही मटमैला पानी तेजी से बरगदवा और चकरार गांव के खेतों में फैल गया । टूटे हुए नाले से गुजर रहे पानी को रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने पेड़ों की टहनियां और झाड़-झंखाड़ डालने का प्रयास किया, लेकिन तेज बहाव के सामने यह कारगर नहीं हुआ।
प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। बुधवार को घटना की जानकारी होने के बाद एडीएम न्यायिक नवनीत गोयल, एसडीएम नवीन प्रसाद, नायब तहसीलदार सौरभ श्रीवास्तव सहित सिंचाई विभाग की टीम ने घटनास्थल पर कैंप किया और हालात की निगरानी की।
इसी क्रम में गंडक नदी का जलस्तर मंगलवार शाम को जहां 351.90 फीट दर्ज किया गया था, वहीं बुधवार को बढ़कर 353.50 फीट पहुंच गया। इसी तरह गंडक का बहाव भी 1.31 लाख क्यूसेक से बढ़कर 1.75 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। राप्ती नदी रिंगौली का जलस्तर 79.160 मीटर, रोहिन नदी त्रिमुहानी का 82.400 मीटर, भौराबारी का 78.20 मीटर, रतनपुर का 98.00 मीटर, चंदन नदी का 101.55 मीटर और प्यास नदी का 102.60 मीटर पाया गया।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव कपिल ने बताया कि महाव नाले के दोनों किनारों पर स्थायी तटबंध नहीं हैं। सफाई के दौरान निकाली गई सिल्ट को जमा किया गया है। बरगदवा और चकरार के निकट ओवरफ्लो की वजह से कटान की स्थिति उत्पन्न हुई है। अतिरिक्त पानी को समीप के सोनिया नाले में निस्तारित किया जा रहा है।
धान की फसल को डूबा रहा बघेला नाला
सीमावर्ती गांव शिवतरी टोला परसा के करीब से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाला बघेला नाला भी उफनाकर धान की फसल को जलमग्न कर दिया है। वर्षों से साफ- सफाई नहीं कराए जाने से नाले का प्रवाहमार्ग सकरा हो गया है, जिससे पानी का प्रवाह ठीक ढंग से नहीं हो पाने के कारण नाला उफनाकर रेहरा, बेलभार, विषखोप, मनिकौरा गांव के खेत में धान की फसल को जलमग्न करना शुरु कर दिया है।
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ग्रामीणों का कहना है, कि यदि नाले का पानी गांव के सिवान में इसी तरह फैलता रहा तो मवेशियों को चारे तक का संकट उत्पन्न हो जाएगा। रेहरा गांव निवासी साधू यादव, घनश्याम सिंह, सुदर्शन ,संजय यादव ने बताया कि नाले की साफ- सफाई नही कराए जाने पानी ओवरफ्लो कर फसल को डूबो रहा है।
नाले के पानी फैलने से मनिकौरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का परिसर भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है। नेपाल सीमा से सटे श्यामकाट गांव के समीप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली रोहिन नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों के किसानों की चिंता बढ़ गई है।
वही बरगदवा के समीप से होकर बहने वाला सोनिया नाला भी जलस्तर बढ़ने से उफना गया है। जिसके चलते नरायनपुर, हरपुर, सेमरहना गांव के किसान चिंतित हैं।
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