वह शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुदा करे
फानूस बनकर जिसकी हिफाजत खुदा करे, वह शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुद करे। किसी शायर की यह पंक्ति जंगल में मिली दो माह की ब'ची पर सटीक बैठती है। किलकारी भरती स्वस्थ्य ब'ची जंगल में कैसी पहुंची, किस परिस्थिति में अपनों से दूर हुई। यह तो भविष्य के गर्त में हैं
महराजगंज: फानूस बनकर जिसकी हिफाजत खुदा करे, वह शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुद करे। किसी शायर की यह पंक्ति जंगल में मिली दो माह की बच्ची पर सटीक बैठती है। किलकारी भरती स्वस्थ्य बच्ची जंगल में कैसी पहुंची, किस परिस्थिति में अपनों से दूर हुई। यह तो भविष्य के गर्त में हैं। लेकिन हृदय को झकझोर देने वाली घटना सभ्य समाज को एक बार फिर ¨चतन के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। अलसुबह फरेंदा क्षेत्र के वन चौकी गिरधरपुर के जंगल की तरफ महिलाएं शौच के लिए निकली। तभी उन्हें किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर महिलाएं सन्न हो गईं और रास्ते में ही ठमक गई। फिर आवाज की आहट पर कान लगाते हुए सहमी हुई महिलाएं धीरे-धीरे जंगल की ओर बढ़ी, तो झाड़ी के बीच दो वर्ष की मासूम बच्ची को देखकर हतप्रभ रह गई। एक महिला ने बच्ची को उठाकर अपने गोद में ले लिया। इसी बीच महिलाओं की शोर सुनकर ग्रामीण भी पहुंच गए। गनीमत था कि बच्ची जंगली जानवरों की शिकार नहीं हुई। ग्रामीणों ने बच्ची को वन चौकी पर लाया। देखते ही देखते यह बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई और वहां काफी संख्या में महिलाएं जुट गई। महिलाओं ने बच्ची को दूध पिलाया। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर डायल 100 की पुलिस मौके पर पहुंच गई और मासूम को अपने कब्जे में लेकर इलाज के लिए सीएचसी बनकटी में भर्ती कराया। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। पुलिस ने इसकी सूचना चाइल्डलाइन महराजगंज को दी है। चाइल्ड लाइन के सदस्य बच्ची को अपने साथ ले गए।
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