गोबर से बनने लगी बिजली, चमक उठी गोशाला
महराजगंज नीयत साफ हो तो सीमित संसाधन में भी सफलता का नया मापदंड स्थापित किया जा सकता है।

महराजगंज: नीयत साफ हो तो सीमित संसाधन में भी सफलता का नया मापदंड स्थापित किया जा सकता है। इसकी बानगी देखनी हो तो नेपाल सीमा के किनारे तहसील क्षेत्र निचलौल के परागपुर में आना होगा। गांव के निवासी डा.उमाशंकर मिश्र ने अपनी पैतृक भूमि में एक हाईटेक डेयरी का निर्माण कराया है। साढ़े तीन एकड़ में फैली डेयरी के लिए आवश्यक बिजली, यहां के गायों के गोबर से ही तैयार की जा रही है। बिजली बनने के बाद गोबर को जैविक खाद के रूप में प्रयोग कर उससे किसानों की भूमि को भी उर्वरा बनाया जा रहा है। जिला प्रशासन भी इस डेयरी का प्लान देख मुरीद है। स्वयं जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने इसी डेयरी के तर्ज पर पूर्वांचल के सबसे बड़े गोसदन मधवलिया में भी गोबर से बिजली बनाने की योजना पर कार्य करा रहे हैं।
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प्रत्येक दिन होता है करीब 50 यूनिट बिजली का उत्पादन
महाराजा डेयरी में गोबर गैस प्लांट से प्रत्येक दिन करीब 50 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। इस बिजली से प्रकाश, दूध निकालने के लिए लगी मशीनें और गर्मियों में गायों को वातानुकूलित मौसम उपलब्ध कराने के लिए फौव्वारों की जरूरतें पूरी होती हैं। गर्मियों में अधिक बिजली की मांग पर कभी-कभार जरनेटर का भी सहयोग लेना पड़ता है। मशीनों के अलावा चारा व पशुओं की देखरेख के लिए आस-पास के गांवों के करीब 30 लोगों को रोजगार मिला है।
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आस-पास के ग्रामीण ले जाते हैं गोबर की खाद
पेशे से होम्योपैथ चिकित्सक डा.उमाशंकर मिश्र ने बताया कि वर्ष 2012 में पांच से 10 गायों से इस डेयरी का शुभारंभ पशु सेवा के लिए किया गया था। आगे चलकर इसे विस्तृत रूप दे दिया गया। वर्तमान में इस डेयरी में 200 के करीब गायों की सेवा की जा रही है। इनसे प्राप्त गोबर का प्रयोग गोबर गैस प्लांट में करने के बाद उसे उर्वरक के रूप में भी किया जाता है। इस प्रकार से प्रत्येक महीने करीब छह से आठ ट्राली खाद का उत्पादन भी होता है, जिसे आस पास के ग्रामीण भी खरीदकर ले जाते हैं।
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गोरखपुर तक भेजा जाता है दूध
: डेयरी में गायों से प्रतिदिन 1750 लीटर दूध का उत्पादन होता है। इस हिसाब से महीने में लगभग 50500 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। स्थानीय स्तर पर दूध सप्लाई के बाद डेयरी की गाड़ी से प्रतिदिन 1500 लीटर दूध गोरखपुर भेजा जाता है।
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परागपुर स्थित महाराजा डेयरी ने पशुओं के लिए बेहतर प्रबंधन किया है। पिछले दिनों मैंने स्वयं इसका निरीक्षण किया था। इसी के आधार पर जिले व पूर्वांचल के सबसे बड़े गोसदन मधवलिया में भी गोबर गैस प्लांट व अन्य नई व्यवस्थाओं के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया है।
सत्येन्द्र कुमार, जिलाधिकारी
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