महराजगंज में पोस्टमार्टम ड्यूटी से बच रहे सीनियर डॉक्टर, तीन दिन में देना होगा स्पष्टीकरण
महराजगंज में वरिष्ठ डॉक्टर पोस्टमार्टम ड्यूटी से बच रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इस लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने स्पष ...और पढ़ें

पोस्टमार्टम ड्यूटी से बच रहे सीनियर डॉक्टर।
जागरण संवाददाता, महराजगंज। जिला संयुक्त चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम ड्यूटी से किनारा कसने का मामला सामने आया है। इस प्रवृत्ति से न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, बल्कि मेडिको-लीगल मामलों और शवों के निस्तारण में भी परेशानी बढ़ रही है।
प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने तीनों चिकित्सकों का वेतन, मानदेय बाधित करते हुए तीन दिनों के भीतर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
जिला संयुक्त चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शारिक नवाज की पोस्टमार्टम ड्यूटी 12 दिसंबर व 13 दिसंबर के लिए निर्धारित की गई थी। इस संबंध में 12 दिसंबर को आधुनिक चीरघर के फार्मासिस्ट केके पटेल ने डॉ. नवाज को उनके दूरभाष नंबर पर पोस्टमार्टम ड्यूटी की सूचना दी।
आरोप है कि डाक्टर द्वारा पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया गया। इसी प्रकार जिला संयुक्त चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रवीण आनन्द की पोस्टमार्टम ड्यूटी 13 दिसंबर 2025 को प्रथम तथा 14 दिसंबर को द्वितीय राय के लिए निर्धारित की गई थी।
13 दिसंबर को आधुनिक चीरघर के फार्मासिस्ट राम ऋषि पटेल ने उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर पोस्टमार्टम ड्यूटी की सूचना दी। आरोप है कि डाक्टर ने यह कहते हुए ड्यूटी करने से इनकार कर दिया कि वे बाहर हैं।
जिला संयुक्त चिकित्सालय में कार्यरत संविदा फिजिशियन डा. दुर्गेश शुक्ला की पोस्टमार्टम ड्यूटी 14 दिसंबर को प्रथम तथा 15 दिसंबर को द्वितीय राय के लिए निर्धारित की गई थी। 14 दिसंबर को आधुनिक चीरघर के फार्मासिस्ट केके पटेल ने उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर पोस्टमार्टम ड्यूटी की सूचना दी।
आरोप है कि डाक्टर द्वारा पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि ड्यूटी निर्धारित होने के बाद न करना। उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना है।
पोस्टमार्टम एक प्रकार की इमरजेंसी ड्यूटी होती है, इसके बावजूद ड्यूटी से इनकार करना राजकीय कार्यों के प्रति शिथिल एवं उदासीन कार्यप्रणाली को दर्शाता है, जो अत्यंत खेदजनक है।
प्रकरण में तीनों चिकित्सक का वेतन, मानदेय बाधित किया गया है। निर्धारित समयावधि में स्पष्टीकरण न मिलने की स्थिति में उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।

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