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    जरबेरा व शिमला मिर्च ने दिलाई पहचान

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 16 Jan 2019 09:00 AM (IST)

    मिट्टी सोना उगल सकती है। बस जरूरत है जज्बे, कठिन परिश्रम से होगा ...और पढ़ें

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    जरबेरा व शिमला मिर्च ने दिलाई पहचान

    सच्चिदानंद मिश्र, निचलौल , महराजगंज :

    मिट्टी सोना उगल सकती है। बस जरूरत है जज्बे, कठिन परिश्रम और लगन की। महराजगंज जिले के कसमरिया गांव के निवासी युवा किसान ज्ञानेश्वर पटेल ने केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि अन्य किसानों को व्यवसायिक खेती के लिए प्रेरित भी किया । हालैंड के फूल जरवेरा की सफल खेती के बाद अब शिमला मिर्च की खेती जिले के किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी है । ज्ञानेश्वर ने 2016 में जब दो हजार वर्ग मीटर जमीन में पाली हाऊस के माध्यम से जरवेरा के फूलों की खेती शुरू की थी तो क्षेत्र में सफलता-असफलता को लेकर चर्चाएं भी हुईं । फूलों की खेती ने ऐसी सुगंध बिखेरी कि अन्य लोग भी इस आधुनिक खेती के कायल हो गए। फूल के बाद अब शिमला मिर्च ने उन्हें एक मुकाम दिला दिया है। शिमला मिर्च की नर्सरी खुद पॉलीहाउस में ही तैयार की गई है।

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    ज्ञानेश्वर पटेल का कहना है कि फॉस्ट फूड की लोकप्रियता से शिमला मिर्च के बढ़ते बाजार व ग्रामीण क्षेत्र में इसकी मांग को देखते हुए पहली बार इसकी खेती की गई है । अगर पैदावार अच्छी रही तो पॉलीहाउस में इसका उत्पादन निरंतर करने की योजना है।

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    कृषि विभाग करेगा सम्मानित:

    कृषि विशेषज्ञ व कृषि विज्ञान केंद्र बसुली के वैज्ञानिक डा. बीबी ¨सह ने बताया कि ज्ञानेश्वर पटेल ने कृषि विभाग के अनुदान पर पॉलीहाउस बनाया था। उसमें जरवेरा की खेती के बाद शिमला की खेती का एक नायाब पहल है। इसके लिए 23 दिसंबर को विकास भवन पर आयोजित कृषक सम्मान समारोह में उपकृषि निदेशक द्वारा उनको सम्मानित किया जाएगा।