खेती संग पशुपालन से भविष्य संवार रहे अवनीश
12 पशुओं से डेरी की शुरुआत की। इन पशुओं से प्रतिमाह 1200 लीटर दूध प्राप्त करते हैं। जिसे गांव व जिले में दुकानदारों को आपूर्ति करते हैं। वह खेती और पशुपालन से एक वर्ष में अब सात लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं।

महराजगंज: अगर सोच सकारात्मक हो और मन में हौसला हो, तो कोई भी समस्याएं बाधा नहीं बन सकती है। इसके नजीर हैं जनपद के सोनरा निवासी अवनीश कुमार। वह खेती संग पशुपालन के जरिये आर्थिक उन्नति कर भविष्य संवार रहे हैं। इससे वह साल में करीब सात लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं। इनकी इस उपलब्धि पर डीएम इन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं। सोनरा निवासी अवनीश कुमार हाईस्कूल तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद आर्थिक संकट के चलते आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। तो आठ साल पहले पुश्तैनी खेती के व्यवसाय में हाथ आजमाया। धीरे-धीरे सफलता मिली। पांच एकड़ खेत में साल भर में 65-70 क्विंटल धान तथा 25-30 क्विंटल गेहूं की फसल का उत्पादन करने लगे। घर के खाने के लिए फसल निकालकर शेष बेच देते हैं। इससे करीब डेढ़ लाख रुपये प्राप्त करते हैं। लेकिन जब बच्चे बड़े हुए और जिम्मेदारी को बोझ बढ़ा तो तीन साल पूर्व पशुपालन भी करने लगे। 12 पशुओं से डेरी की शुरुआत की। इन पशुओं से प्रतिमाह 1200 लीटर दूध प्राप्त करते हैं। जिसे गांव व जिले में दुकानदारों को आपूर्ति करते हैं। वह खेती और पशुपालन से एक वर्ष में अब सात लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं। बच्चों को दिलाई अच्छी शिक्षा
महराजगंज: अवनीश कुमार शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते हैं। इसी उद्देश्य से बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रहे हैं। बेटा विकास इस वर्ष बीएड कर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहा है। छोटा बेटा निखिल बीएससी की शिक्षा ग्रहण कर रहा है। गोबर को खाद के रूप में करते हैं प्रयोग
महराजगंज: अवनीश कुमार ने बताया कि खेती और पशुपालन से काफी फायदा है। पशुओं का गोबर भी काम में आ जाता है। गोबर को खाद के रूप में खेती में प्रयोग किया जाता है। यह खेत के लिए फायदेमंद होता है। खेती के साथ पशुपालन आमदनी बढ़ाने का बेहतर जरिया है। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसान दुग्ध उत्पादन के साथ कंपोस्ट खाद तैयार कर लाभ कमा सकते हैं। अवनीश कुमार खेती के साथ पशुपालन कर बेहतर कार्य कर रहे हैं।
गौरव सिंह सोगरवाल, सीडीओ
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