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    महराजगंज में स्कूलों की लापरवाही से फंसी 2.25 लाख बच्चों की अपार आईडी, BSA का विद्यालयों को अल्टीमेटम

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 06:04 PM (IST)

    महराजगंज में स्कूलों की लापरवाही के कारण 2.25 लाख बच्चों की अपार आईडी फंस गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने इस मामले में विद्यालयों को अंतिम चेतावन ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, महराजगंज। जिले में स्कूली छात्रों की अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) बनाने की प्रक्रिया में अब भी भारी लापरवाही बरती जा रही है, खासकर प्राइवेट स्कूलों द्वारा इसमें ज्यादा रुचि नहीं देखी जा रही है। कुल 3,495 विद्यालयों में पढ़ रहे 5,54,982 छात्रों में से अब तक केवल 3,29,532 छात्रों की ही अपार आईडी बन सकी है, जबकि 2,25,450 छात्रों का डेटा अब भी अधूरा है। इस प्रकार से कुल 40 प्रतिशत बच्चों का अभी तक अपार आईडी नहीं बन सका है।

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    इस लापरवाही में सबसे अधिक हिस्सेदारी प्राइवेट स्कूलों की है, जहां 1471 स्कूलों में करीग डेढ़ लाख से अधिक छात्रों का अपार डेटा अब भी अपलोड नहीं हुआ है।

    इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय ने संबंधित समस्त विद्यालयों को सामूहिक नोटिस जारी कर सख्त निर्देश देते हुए 22 दिसंबर की रात तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया हैं। उन्होंने कहा कि यदि फिर भी सुधार नहीं हुआ तो यू-डायस कोड निरस्त कर मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

    क्या है अपार आईडी और क्यों है जरूरी

    महराजगंज में एक देश, एक स्टूडेंट आईडी की तर्ज पर केंद्र सरकार द्वारा अपार आईडी योजना लागू की गई है। यह आईडी हर छात्र के लिए एक स्थायी अकादमिक पहचान का कार्य करेगी। इसमें नाम, पता, माता-पिता का नाम, फोटो के साथ-साथ छात्र की शैक्षणिक, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी।

    साथ ही इसमें मार्कशीट, चरित्र प्रमाणपत्र, स्थानांतरण प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज भी डिजिटल रूप से संग्रहित होंगे। यह आईडी छात्र के करियर में किसी भी स्तर पर आवश्यक दस्तावेज के रूप में कार्य करेगी।

    संबंधित विद्यालयों को कई बार सूचना देने के बावजूद भी अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही है। इसलिए अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। यदि समय रहते स्कूलों ने बच्चों की अपार आईडी नहीं बनवाई, तो संबंधित यू-डायस कोड को निरस्त कर दिया जाएगा और मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। -रिद्धी पांडेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।