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    महराजगंज में किसानों को सख्त चेतावनी, पराली जलाई तो होगी ये कार्रवाई

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 05:19 PM (IST)

    धान कटाई के बाद पराली जलाने पर सख़्त मनाही है। ऐसा करने से प्रदूषण बढ़ता है और भूमि की उर्वरता कम होती है। सरकार ने उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। कृषि अधिकारियों और पुलिस ने किसानों को जागरूक किया और पराली न जलाने की अपील की, क्योंकि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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    जागरण संवाददाता, महराजगंज। धान की कटाई और मड़ाई के बाद खेतों में पराली जलाना सख्त मना है। पराली जलाने से न केवल प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि कृषक मित्र कीट भी जलकर मर जाते हैं, जिससे कृषि योग्य भूमि के ऊसर होने का खतरा बढ़ जाता है। सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाई है, और ऐसे में जो किसान इस नियम का उल्लंघन करेंगे, उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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    घुघली विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी कृषि वशिष्ठ कुशवाहा और सहायक विकास अधिकारी पीपी केदारनाथ द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन न करने वाले किसानों को पराली जलाने के मामले में निर्धारित जुर्माना और कार्रवाई का सामना करना होगा।

    पकड़ी विशुनपुर संवाद सूत्र के अनुसार, धान की कटाई जोरों पर है, और कंबाइन मशीनों से कटाई के बाद खेतों में पराली बड़ी मात्रा में बच रही है। कई किसान इसे जलाकर नष्ट कर देते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान और खेतों की उर्वरा शक्ति में कमी आती है।

    सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा केदारनाथ द्विवेदी ने किसानों से अपील की कि पराली जलाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।

    थानाध्यक्ष कुंवर गौरव सिंह के निर्देशन में जखीरा पुलिस चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर दिलीप गौतम और कांस्टेबल हरेराम ने विभिन्न गांवों में लाउडस्पीकर से जागरूकता अभियान चलाया। पुलिस टीम ने ग्रामीणों से अपील की कि पराली जलाना पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक है, और इसके लिए निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है।