माफियाओं ने खोजा पेड़ सुखाने का नायाब तरीका
महराजगंज : नौतनवा थाना क्षेत्र के सड़कों के किनारे खड़े पेड़ों पर आफत सी आ गई है। यह आफत दैवीय नहीं मानवों के द्वारा लाई गई है। वन माफियाओं द्वारा इन खड़े पेड़ों की डाल लगभग पांच फीट तक छिल दी जाती है। जिससे यह पेड़ दो बार महीने में स्वत: सूख जाते हैं। जिसे इन्हें काटने में दिक्कत नहीं होती। यही कारण है कि सड़कों के किनारे लगे हजारों की संख्या में पेड़ सैकड़ों में आ गये हैं।
जानकारी के मुताबिक हरित क्रांति एवं उसर जमीन पर वृक्षारोपण कराया था। जिसके लिए सरकार ने सामाजिकी वानिकी विभाग की स्थापना की थी। इसके लिए बाकायदा कर्मचारी भी नियुक्त किये गये हैं। जो इनकी रखवाली का जिम्मा संभाले थे। परन्तु सरकार की सारी तैयारी इन वन माफियाओं की केंद्र होकर रह गई है। एक ओर तो गांवों-जंगलों में लगे पेड़ वीरान हो रहे हैं। इसे सड़क के किनारे लगे पेड़ों पर इन माफियाओं की नजर पड़ गई है। पेड़ सुखाने के लिए जो तरीका इन्होंने खोज है उसे देखकर वन विभाग लाचार है। उसकी समझ से परे यह बात है कि इस आपदा से कैसे निपटा जाए। इन वन माफियाओं द्वारा अपने गुर्गो की सहायता से सड़कों के किनारे लगे यूकिलिप्टस, अर्जुन, आम, जामुन, शीशम, सागौन के हरे-भरे मोटे पेड़ों को लगभग पांच फीट तक जड़ से छिलके निकाल दिये जाते हैं। यह क्रिया पेड़ के चारों तरफ की जाती है। जिससे दो-तीन माह में पेड़ स्वत: सूखने लगते हैं और वन माफिया विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से धीरे-धीरे पेड़ों को नेस्तनाबूद करने में कोई कसर नहीं उठा रहे हैं।
जिसके कारण नहर मार्ग, सड़क मार्ग, जंगल के किनारे लगे साखू, सागौन, शीशम आदि पेड़ों का अस्तित्व खतरे में है। रतनपुर से बेलासपुर नहर मार्ग दूरी 22 किलोमीटर में मात्र पांच सौ के लगभग ही पेड़ है। पड़रहवा दस किलोमीटर नहर मार्ग में भी इतने ही पेड़ हैं तथा चण्डीधाम से लक्ष्मी नगर, सम्पतिहा से देवपुर, खड्डा बाजार, एकसड़वा से जंगल गुलरिहा मोहनपुर से समरधीरा, पेड़ारी से चकदह समेत तमाम मार्गो की हालत पेड़ों से महरूम है।
यही स्थिति पूड़ी नाला पर लगे पेड़ों की है। जिन्हें लकड़ी माफिया बेचने से परहेज नहीं कर रहे हैं। जिससे सड़कों की स्थिति पेड़ विहीन हो गई है। इससे वातावरण और राजस्व दोनों का नुकसान हो रहा है।
इस संबंध में डीएफओ ने बताया कि इस संबंध में संबंधित क्षेत्रों के रेंजरों से जवाब तलब किया जाएगा। तथा कार्यवाही की जाएगी।
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