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    Women Empowerment In UP आधी आबादी संभालेगी आपदा प्रबंधन की कमान, होगा आर्थिक उत्थान

    Women Empowerment in UP : प्रदेश में बाढ़ प्रबंधन के लिए दो हजार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित 44 जिलों के 2,500 गांव व 5,600 मजरे किए गए हैं, जहां पर महिलाएं काम करेंगी। महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नागरिकों को जागरूक करेंगी।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra PandeyUpdated: Wed, 25 Jun 2025 06:37 PM (IST)
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    महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नागरिकों को जागरूक करेंगी

    मनोज त्रिपाठी, जागरण, लखनऊ : राज्य में पहली बार आपदा प्रबंधन की कमान आधी आबादी (महिलाओं) के हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के जरिए दो हजार महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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    एक सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त कर यह महिलाएं स्वयं सहायता समूह व ग्राम पंचायतों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित 44 जिलों की 118 तहसीलों के 2,500 गांव व 5,600 मजरों के नागरिकों को जागरूक करेंगी, जिसके बदले में इन्हें आर्थिक लाभ भी होगा।आपदा जोखिम न्यूनीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को आगे लाने की सलाह दी थी।

    प्रधानमंत्री की सलाह पर एसडीएमए ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं में से 2,000 महिलाओं को चिह्नित किया है। इन महिलाओं को उनकी सहमति के बाद आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के साथ जोड़ा गया है। इन्हें लखनऊ के दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में बाढ़ व आपदा प्रबंधन को लेकर एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह महिलाएं बाढ़ प्रभावित 2,500 गांवों में चार-चार महिलाओं का समूह बनाएंगी।

    महिलाओं का यह समूह ग्राम प्रधान, लेखपाल व पंचायत सचिव के साथ बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा कर बाढ़ प्रबंधन के साथ-साथ बाढ़ आने पर लोगों के लिए सुरक्षित स्थान का चयन, अस्पतालों की व्यवस्था, गांव में जल निकासी की व्यवस्था की रिपोर्ट एसडीएमए व राहत आयुक्त कार्यालय को भेंजेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित गांवों में बाढ़ प्रबंधन के कार्य किए जाएंगे।

    वर्तमान में बाढ़ व आपदा प्रबंधन में चिकित्सा, कृषि, राजस्व, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, हार्टीकल्चर, बिजली, ग्राम्य विकास विभाग, राहत व पुलिस सहित करीब 20 विभागों के कर्मचारियों को तैनात किया जाता है। दो जून से 12 जुलाई तक महिलाओं का चलने वाला प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद जुलाई माह में ही इन महिलाओं के जरिए करीब 10,000 महिलाओं की फौज आपदा प्रबंधन के लिए तैयार कर ली जाएगी। गोरखपुर निवासी रीना देवी व आराधना मिश्रा ने बताया कि उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्हें अच्छा महसूस हो रहा है। 27 जून से वह ग्रामीणों को जागरूक करेंगी।

    प्राथमिक उपचार का भी दिया जा रहा है प्रशिक्षण

    आपदा प्रबंधन के लिए महिलाओं को प्राथमिक उपचार, राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर अधिसूचित आपदाओं, आपदा प्रबंधन राहत के मानक, आपदा से पूर्व, आपदा के दौरान व आपदा के बाद क्या करें, आपदा के दौरान स्कूूल, चिकित्सा केंद्र, सहकारी समिति व पंचायत भवनों को शरणालय के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किए जाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    20 हजार रुपये से ज्यादा की होगी कमाई

    महिलाओं को अपने गांव की बजाय दूसरे गांव व मजरों में तैनात किया जाएगा। इसके लिए उन्हें 300 रुपये प्रतिदिन भत्ता व संबंधित गांव में रहने व खाने के लिए 300 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। इसके अलावा 150 रुपये प्रतिदिन यात्रा भत्ता व 100 रुपये प्रतिदिन अतिरिक्त खर्च के लिए जाएंगे। इन महिलाओं को 25 से 45 दिन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन महिलाओं को करीब 21,250 से 38,250 रुपये का भुगतान किया जाएगा।----------------