मोदी कैबिनेट ने आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को दी हरी झंडी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया आभार
Modi Cabinet Approval : मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस केंद्र की स्थापना, खेती को तकनीक से, अन्न को अनुसंधान से और किसान को नवाचार से जोड़ने वाली सिद्ध होगी। यह निर्णय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ-साथ कृषि आधारित रोजगार व कृषक-समृद्धि को भी नई दिशा देगा। कृषक कल्याण को समर्पित इस निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश के सभी किसान साथियों की ओर से प्रधानमंत्री का हृदय से आभार।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र की अध्यक्षता में बुधवार को सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश को बड़ा उपहार मिला है। कैबिनेट ने ताजनगरी आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को स्वीकृति दी है।
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है।
भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र, प्रसंस्करण क्षेत्र, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसरों के सृजन की क्षमता है। क्षेत्र में अपार संभावनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है।
सीएसएआरसी की स्थापना से विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदाता, पोषक तत्वयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को बड़ा उपहार मिलने पर एक्स पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को दी गई स्वीकृति अभिनंदनीय है। देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस केंद्र की स्थापना, खेती को तकनीक से, अन्न को अनुसंधान से और किसान को नवाचार से जोड़ने वाली सिद्ध होगी। यह निर्णय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ-साथ कृषि आधारित रोजगार व कृषक-समृद्धि को भी नई दिशा देगा। कृषक कल्याण को समर्पित इस निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश के सभी किसान साथियों की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।
प्रदेश के प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने भी प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने बयान जारी किया कि यह कृषि नवाचार और किसान कल्याण के लिए ऐतिहासिक पहल है। यह केंद्र कृषि उत्पादकता बढ़ाने, मूल्य संवर्धन एवं रोजगार सृजन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि आलू और शकरकंद जैसी जड़वाली फसलों में अपार संभावनाएं हैं और इस नवाचार केंद्र की स्थापना से खाद्य व पोषण सुरक्षा, किसानों की आय में वृद्धि, तथा सतत कृषि विकास को बल मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यह केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात को गति देगा। विशेष रूप से उच्च उपज, पोषणयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास किसानों के लिए वरदान साबित होगा। इसके माध्यम से खेती के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की तकनीक और नवाचार प्रदेश में सुलभ होंगे।
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