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    जिस लोला कायूमोवा का उज्बेकिस्तान सरकार ने जारी कराया लुकआउट नोटिस, उसका लखनऊ में बना आधार कार्ड और मैरिज सर्टिफिकेट

    Foreign Women in Sex Racket : जनक के पड़ोसियों ने बताया कि वह कई वर्षों से नहीं आया है। एक ने बताया कि यहां उसकी मां और छोटा भाई रहता है। जो सुबह से घर पर नहीं मौजूद थे। सवाल यह है कि लोला ने कैसे दस्तावेजों में जनक को पति बता दिया। इसका पता तो लोला की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा। डीसीपी दक्षिणी निपुल अग्रवाल ने बताया कि टीम लोला, डॉक्टर विवेक गुप्ता और त्रिजनराज की तलाश में लगी हुई है। गिरफ्तारी के बाद ही सभी तथ्य सामने आएंगे। 

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra PandeyUpdated: Wed, 25 Jun 2025 04:18 PM (IST)
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    लोला कायूमोवा का आधार कार्ड और मैरिज सर्टिफिकेट

    आयुष्मान पांडेय, जागरण, लखनऊ : उज्बेकिस्तान की जिस लोला कायूमोवा को इंटरपोल तलाश रही है, उसने भारत में अपने नेटवर्क के दम पर लखनऊ से आधार कार्ड और मैरिज सर्टिफिकेट भी बनवा लिया। जिस लोला के खिलाफ इंटरपोल ने लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है, उसे लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने सत्यापन की रसीद भी प्रदान की है।
    भारत में अपना जाल बुनने के लिए लोला कायूमोवा ने कई शातिर चाल चली। लोला कई वर्षों पहले भारत आई और यहां रहने के लिए उसने दो शादियां कीं। उसने त्रिजनराज से विवाह किया, जो तेलीबाग का निवासी है। इसके बाद जब सैक्स रैकेट का विस्तार करने के लिए ओमेक्स आर-टू में अनूप कुमार श्रीवास्तव का फ्लैट किराये पर लिया, तो उसने जनक प्रताप सिंह को अपना पति बता दिया। जनक प्रताप सिंह राजाजीपुरम के तुलसी विहार कालोनी का निवासी है।
    लोला ने फर्जी विवाह प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की मदद से किराये का सत्यापन करा लिया। पुलिस ने भी दस्तावेजों की जांच नहीं की और आसानी से लोला को सत्यापन की रसीद मिल गई। इसके बाद लोला ने सेक्स रैकेट चलाना शुरू कर दिया। जब दैनिक जागरण की टीम ने जनक प्रताप सिंह से संपर्क किया तो उसने बताया कि वह लोला को जानता है, लेकिन वह उसकी पत्नी नहीं है। जनक के पड़ोसियों ने बताया कि वह कई वर्षों से नहीं आया है। एक ने बताया कि यहां उसकी मां और छोटा भाई रहता है। जो सुबह से घर पर नहीं मौजूद थे। सवाल यह है कि लोला ने कैसे दस्तावेजों में जनक को पति बता दिया। इसका पता तो लोला की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा। डीसीपी दक्षिणी निपुल अग्रवाल ने बताया कि टीम लोला, डॉक्टर विवेक गुप्ता और त्रिजनराज की तलाश में लगी हुई है। गिरफ्तारी के बाद ही सभी तथ्य सामने आएंगे।

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    डॉक्टर विवेक गुप्ता से भी नहीं हुई पूछताछ

    सैक्स रैकेट से जुड़े लोला और त्रिजनराज फरार हैं, लेकिन प्लास्टिक सर्जन डा. विवेक गुप्ता लखनऊ में ही मौजूद है। लगातार वह लोगों से संपर्क कर रहा है। इसके बावजूद पुलिस ने उससे पूछताछ करना जरूरी नहीं समझा, जबकि पकड़ी गई उज्बेकिस्तान की दो महिलाओं ने डॉक्टर विवेक गुप्ता का नाम लेकर बताया था कि उन्हें यहां अवैध रूप से रोकने में डाक्टर की अहम भूमिका है। उनकी प्लास्टिक सर्जरी की थी ताकि उन्हें असानी से पहचाना न जा सके। पुलिस गिरोह से जुड़े लोगों को क्यों बचा रही है, इसका पता नहीं चल पा रहा है।


    वापस भेजी जा रहीं पकड़ी गईं महिलाएं

    डीसीपी ने बताया कि पकड़ी गई दोनों उज्बेकिस्तानी महिलाओं के फिंगर प्रिंट समेत अन्य कार्रवाई पूरी कर ली गई है। उनको जल्द ही वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। फिर आगे की कार्रवाई की जा रही है।