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    IAS Officer News : आइजी निबंधन के पद से हटाए गए प्रतीक्षारत समीर वर्मा ने मांगा अध्ययन अवकाश

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 26 Jun 2025 04:49 PM (IST)

    IAS Officer News: स्टांप एवं निबंधन विभाग में 88 उप निबंधकों व 114 निबंधन लिपिकों के तबादले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विभागीय मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों जहां सभी तबादला आदेश निरस्त कर दिए थे वहीं 19 जून को समीर वर्मा को आइजी निबंधन के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया था। 

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    समीर वर्मा को आइजी निबंधन के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : स्टांप एवं निबंधन विभाग में 202 उप निबंधक व निबंधन लिपिकों के तबादले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते महानिरीक्षक (आइजी) निबंधन के पद से हटाए गए समीर वर्मा ने राज्य सरकार से अध्ययन अवकाश मांगा है। वर्ष 2002 बैच के आइएएस अधिकारी समीर इन दिनों प्रतीक्षारत हैं।
    समीर वर्मा ने एमबीए करने के लिए अवकाश मांगा है। समीर 14 अप्रैल को ही समाज कल्याण विभाग के सचिव से आइजी निबंधन बनाए गए थे। स्टांप एवं निबंधन विभाग में 88 उप निबंधकों व 114 निबंधन लिपिकों के तबादले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विभागीय मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों जहां सभी तबादला आदेश निरस्त कर दिए थे। इसके बाद 19 जून को समीर वर्मा को आइजी निबंधन के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया था।
    सूत्रों के अनुसार समीर ने प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम. देवराज से मिलकर अध्ययन अवकाश मांगा है। इस संबंध में किए गए आवेदन में उन्होंने एमबीए करने की बात कही है।
    2002 कैडर के आईएएस अफसर समीर वर्मा लगभग 20 वर्ष की सेवा के दौरान दस बार जिलाधिकारी के पद पर रहे। छह अगस्त 2004 को फर्रुखाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनाया गया। उन्हें 16 मार्च 2005 को प्रयागराज में तैनात किया गया था। प्रयागराज में समीर वर्मा एक साल से ज्यादा वक्त तक तैनात रहे। 26 अप्रैल 2006 को बरेली का मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया। बरेली में सीडीओ के तौर पर 19 दिन काम करने वाले समीर वर्मा को 15 मई 2006 को शाहजहांपुर का सीडीओ बनाकर भेजा गया। समीर वर्मा को पहली बार महोबा के जिलाधिकारी का जिम्मा 22 जुलाई 2006 को सौंपा गया। इसके बाद हरदोई में दो वर्ष जिलाधिकारी रहे। इसके बाद हमीरपुर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, वाराणसी, मथुरा, कानपुर नगर, झांसी और मेरठ के डीएम रहे।

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