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जुफर फारूकी फिर चुने गए यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सपा समर्थित इमरान माबूद खान को हराया

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद पर जुफर फारूकी लगातार तीसरी बार निर्वाचित हो गए हैं। उन्होंने ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी समर्थित इमरान माबूद खान को एक वोट से हराया। जुफर फारूकी को छह वोट जबकि एडवोकेट इमरान माबूद को पांच वोट मिले हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 09:13 AM (IST)
जुफर फारूकी फिर चुने गए यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सपा समर्थित इमरान माबूद खान को हराया
जुफर फारूकी लगातार तीसरी बार यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन निर्वाचित हुए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। जुफर अहमद फारूकी तीसरी बार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं। मंगलवार को हुए चुनाव में कांटे की टक्कर में जुफर ने अपने प्रतिद्वंदी इमरान माबूद खां को एक वोट के अंतर से हरा दिया। सपा के एक विधायक व सरकार द्वारा नामित तीन सदस्यों ने जुफर का साथ दिया। सपा-बसपा सांसदों व सपा के एक विधायक ने जुफर के खिलाफ मतदान किया। जुफर को 11 में से छह मत हासिल हुए, वहीं इमरान माबूद खां को पांच वोट मिलने से हार का मुंह देखना पड़ा।

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बसपा व सपा की सरकार के बाद अब भाजपा सरकार में भी जुफर फारूकी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बन गए हैं। भाजपा सरकार से उनकी नजदीकियां राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड के स्टैंड के कारण हुईं। इसी वजह से उन्हें योगी सरकार से छह-छह माह का दो बार विस्तार भी मिला। हालांकि दूसरे विस्तार को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चुनाव कराए हैं।

11 सदस्यीय बोर्ड में आठ सदस्यों का चुनाव होता है जबकि तीन सदस्य सरकार नामित करती है। इनमें दो सांसद, दो विधायक, दो बार कौंसिल सदस्य, दो मुतवल्ली, एक इस्लामिक स्कॉलर, एक समाजसेवी व एक संयुक्त निदेशक स्तर के अफसर शामिल हैं। जुफर के नाम का प्रस्ताव मुतवल्ली कोटे के दूसरे सदस्य अदनान फर्रूख शाह ने रखा। उनके विरोध में बार कौंसिल सदस्य इमरान माबूद खां खड़े हुए। उनके नाम का प्रस्ताव सपा के मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन ने किया। सांसद कोटे के दोनों वोटर सपा के एसटी हसन व बसपा के अमरोहा के सांसद कुंवर दानिश अली ने जुफर के विरोध में मतदान किया।

विधायक कोटे के दो सदस्यों में गोपालपुर आजमगढ़ के विधायक नफीस अहमद ने जुफर के विरोध में, जबकि सपा के इसौली सुलतानपुर के विधायक अबरार अहमद ने जुफर के पक्ष में मतदान किया। इसी प्रकार बार कौंसिल सदस्य के दोनों मत जुफर के विरोध में पड़े। जुफर को मुतवल्ली कोटे के दोनों सदस्यों यानी अपने अलावा अदनान फर्रूख शाह का भी मत मिला। नामित सदस्य सबीहा अहमद, मौलाना नईम-उर-रहमान व डा. तबस्सुम खान के मत ने जुफर को विजयी बनाया।

वक्फ संपत्तियों से हटवाएंगे अवैध कब्जे : फिर बने अध्यक्ष जुफर ने कहा कि सभी सदस्यों को साथ लेकर वक्फ बोर्ड में काम होगा। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे हटाकर उनका विकास किया जाएगा। अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद, अस्पताल, लाइब्रेरी, शोध संस्थान, कम्युनिटी किचन, म्यूजियम आदि बनाने के काम में तेजी लाई जाएगी।

विधायक अबरार को सपा का नोटिस : जुफर फारूकी को वोट देने के कारण विधायक अबरार अहमद को सपा ने नोटिस दिया है। उन्हें एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया है। पार्टी का कहना है कि जब चुनाव में सपा समर्थित माबूद खां खड़े थे तो फिर जुफर को वोट क्यों दिया? वहीं, विधायक अबरार अहमद का कहना है कि किसे वोट देना है इसे लेकर पार्टी ने स्थिति साफ नहीं की थी। हमने पिछले पांच साल जुफर के साथ काम किया था, इसलिए उन्हें इस बार भी वोट दिया है। जब नोटिस आएगा तो उसका जवाब दे देंगे।


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