UP News: ‘जीरो पावर्टी-उत्तर प्रदेश अभियान’ के लिए राज्य स्तरीय शासी निकाय गठित
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'जीरो पावर्टी-उत्तर प्रदेश अभियान' के लिए राज्य स्तरीय शासी निकाय का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह निकाय नीतिगत निर्णय लेगा और गरीब परिवारों को योजनाओं में प्राथमिकता देगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 10 से 25 सबसे गरीब परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और उनकी स्थिति में सुधार किया जाएगा। एक डिजिटल डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ‘जीरो पावर्टी-उत्तर प्रदेश अभियान’ के सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे राज्य स्तरीय शासी निकाय का गठन करने के साथ ही प्रमुख सचिव नियोजन की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया गया है। राज्य को गरीबी के मामले में शून्य पर ले जाने के इस अभियान के लिए राज्य स्तरीय शासी निकाय व संचालन समिति की जिम्मेदारियां भी तय कर दी गई हैं।
शासी निकाय (गवर्निंग बाडी) के सदस्य सचिव प्रमुख सचिव नियोजन बनाए गए हैं। 16 विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव शासी निकाय के सदस्य बनाए गए हैं। इन विभागों में ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज, समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ऊर्जा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, श्रम, कृषि, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक, महिला एवं बाल कल्याण तथा एमएसएमई शामिल हैं।
संचालन समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव नियोजन तथा सदस्य सचिव निदेशक जनशक्ति नियोजन प्रभाग बनाए गए हैं। 19 सदस्यों में आयुक्त ग्राम्य विकास, आयुक्त खाद्य एवं रसद, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, निदेशक पंचायती राज, निदेशक समाज कल्याण, निदेशक महिला कल्याण, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण, निदेशक श्रम एवं सेवायोजन, निदेशक यूपीएसआरएलएम, सीईओ एसएसीएचआइएस, निदेशक आइसीडीएस, एमडी यूपीएसडीएम, एमडी ग्रामीण पेयजल मिशन, एमडी यूपी डेस्को, सचिव बीओसीडब्लू, निदेशक कृषि, प्रमुख एसईएमटी, राज्य प्रमुख पीसीआइ तथा कार्यक्रम प्रमुख समग्र शामिल किए गए हैं।
शासी निकाय को जीरो पावर्टी अभियान के संबंध में नीतिगत निर्णय लेने, विभागों की नीतियों में जीरो पावर्टी अभियान में चयनित परिवारों की प्राथमिकता सुनिश्चित करने, राज्य स्तर पर विभागीय अभिसरण (कंवर्जेंस) के साथ बेस्ट प्रैक्टिसेस को शामिल करने के लिए दिशा निर्देश देने तथा अभियान की सफलता के लिए मागर्दशन की जिम्मेदारी दी गई है।
संचालन समिति अभियान के सफल संचालन के लिए कार्यक्रम के क्रियान्वयन के प्रत्येक स्तर पर प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही अभियान के तहत प्रोजेक्ट प्लानिंग, मानीटरिंग तथा फीडबैक लेने का काम करेगी। इसके अलावा योजनाओं में चयनित परिवारों की प्राथमिकता सुनिश्चित कराने, दी जाने वाली सुविधाओं में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने तथा शासी निकाय को प्रगति व कमियों से अवगत कराने जैसे कार्य करेगा।
पंचायतों में निर्धनतम 10 से 25 परिवार चिन्हित होंंगे
मुख्य सचिव एसपी गोयल द्वरा अभियान के संबंध में जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि निर्धनतम परिवारों के जीवन यापन के विभिन्न आयामों की पहचान के लिए उनकी समस्याओं व आवश्यकताओं के साथ बहुआयामी बेंचमार्क के साथ डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए। फैमिली आइडी एक परिवार-एक पहचान योजना के डेटाबेस से लाभार्थियों की सूची प्राप्त की जा सकती है।
अभियान के तहत प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक गरीब (निर्धनतम) 10 से 25 परिवारों पर सरकार अपना ध्यान केंद्रित करेगी। इन परिवारों को केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ देते हुए इनकी स्थिति में सुधार किया जाएगा।
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