योगी सरकार ने गन्ना के बाद धान किसानों को भी दिया ये तोहफा, 15 लाख फार्मर और 1800 मिल मालिकों को मिलेगा सीधा फायदा
योगी सरकार ने धान उत्पादक किसानों को राहत देते हुए मोटे धान की रिकवरी प्रतिशत में 1% की छूट दी है, जिससे लगभग 15 लाख किसानों को फायदा होगा। 1800 राइस मिलों को भी लाभ मिलेगा। सरकार इस छूट का भार वहन करेगी, जिस पर 166 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे धान के भाव बढ़ने की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार ने गन्ना के बाद धान उत्पादक किसानों को तोहफा दिया है। अब मोटे धान के रिकवरी प्रतिशत में अब एक प्रतिशत की छूट मिलेगी। इससे लगभग 15 लाख किसानों को बेहतर कीमत मिलने की संभावना है। वहीं 1800 राइस मिलों को सीधे लाभ मिलेगा और उनके यह अधिक मात्रा में धान की कुटाई की उम्मीद है। एक प्रतिशत की छूट का भार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं हाईब्रिड धान के रिकवरी प्रतिशत पर सरकार पहले से ही तीन प्रतिशत की छूट दे रही हैं। इसे भी बरकरार रखा गया है।
मंगलवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में पत्रकार वार्ता कर छूट की घोषणा की। सरकार द्वारा धान की सरकारी खरीद कर मिलों को कुटाई के लिए दिया जाता है। भारत सरकार के नियमानुसार मिलर्स को कुटाई के बदले 67 प्रतशित रिकवरी कर कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) देना होता है। मिलर्स द्वारा धान की कुटाई में इससे कहीं कम रिकवरी होने का मामला हर साल उठाया जाता है।
वित्त मंत्री ने बताया कि चलते वर्ष 2007 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईब्रिड धान के रिकवरी प्रतिशत में तीन प्रतिशत की छूट दी थी। इस छूट की बदले में सरकार हर बार 100 करोड़ रुपये का भार वहन कर रही है। अब तक मोटे धान के रिकवरी प्रतिशत पर कोई छूट नहीं थी। अब एक प्रतिशत की रियायत मिलने से मिलर्स धान कुटाई के बाद मिलर्स को 67 प्रतिशत के स्थान पर 66 प्रतिशत सीएमआर देने की राहत मिल जाएगी। इस छूट पर 166 करोड़ रुपये खर्च होगा, जिसको सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रिकवरी प्रतिशत में छूट मिलने से धान के भाव बढ़ने की उम्मीद है और इससे धान की खेती करने वाले 13 से 15 लाख किसानों को फायदा होगा। मिलर्स भी अधिक मात्रा में धान की कुटाई के लिए प्रोत्साहित होंगे। वर्तमान में मिलों के माध्यम से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है, इस रियायत से उनको भी लाभ मिलेगा और रोजगार बढ़ने की भी संभावनाएं पैदा होंगीं।
वर्तमान में प्रदेश में धान की सरकारी खरीद चल रही है। सरकार पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक धान खरीदने का प्रयास कर रही है। प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद रणवीर प्रसाद ने बताया कि विभाग ने धान विक्रय के लिए किसानों के पंजीकरण और सत्यापन की आनलाइन प्रक्रिया काे सरकार किया है। प्रक्रिया की जीपीएस लगे वाहनों से निगरानी की जा रही है और स्टाक सत्यापन भी किया जा रहा है। इससे पहले हाल ही में सरकार ने गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की रिकार्ड बढ़ोतरी कर गन्ना किसानों को लाभ दिया है।

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