Innovation Fund In UP: योगी सरकार स्टार्टअप संस्कृति को देगी बढ़ावा, 4000 करोड़ का इनोवेशन फंड
Innovation Fund In UP उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन फंड का गठन कर रही है। इसमें राज्य सरकार की 400 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी होगी। वहीं निजी निवेशकों के माध्यम से 3600 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड (यूपीआइएफ) के गठन का निर्णय लिया है। यूपीआइएफ में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता 400 करोड़ रुपये होगी। प्रयास होगा कि यूपीआइएफ के लिए 1200 करोड़ से 3600 करोड़ रुपये तक की धनराशि निजी निवेशकों से प्राप्त की जाए।
राज्य सरकार और निजी निवेशकों के सहयोग से तैयार होगा यूपीआइएफ
- यूपीआइएफ का कुल आकार 4000 करोड़ रुपये होगा। वित्त विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
- यूपीआइएफ में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के 400 करोड़ रुपये की रकम प्राविधिक तथा उच्च शिक्षण संस्थाएं उपलब्ध कराएंगी। उन्हें यह धनराशि एकमुश्त न उपलब्ध कराकर दो से तीन वर्षों में मुहैया करानी होंगी।
- यूपीआइएफ के स्वरूप, संचालन और उसमें राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के सापेक्ष विभिन्न प्राविधिक व उच्च शिक्षण संस्थाओं के योगदान की धनराशियों के निर्धारण आदि के बारे में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के आधार पर शासन निर्णय लेगा।
- यूपीआइएफ के लिए निजी निवेशकों से धनराशि जुटाने का दायित्व फंड के इन्वेस्टमेंट मैनेजर का होगा। उस पर यूपीआइएफ के प्रबंधन और निवेश संबंधी निर्णयों की जिम्मेदारी भी होगी।
- यूपीआइएफ के गठन और संचालन के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग नोडल विभाग होगा। यूपीआइएफ से किए गए निवेश पर मिलने वाले रिटर्न का विभाजन योगदानकर्ताओं के बीच उनके योगदान के अनुपात में किया जाएगा।
- फंड का संचालन तीन इकाइयों-ला फर्म, ट्रस्ट और इन्वेस्टमेंट मैनेजर के माध्यम से किया जाएगा। इन तीनों इकाइयों का चयन प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा कराया जाएगा।
- इसमें सबसे पहले ला फर्म का चयन किया जाएगा। ला फर्म की ओर से तैयार किए गए विभिन्न दस्तावेजों को राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद ट्रस्ट और इन्वेस्टमेंट मैनेजर का चयन होगा।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एडवाइजरी कमेटी गठित की जाएगी
इसके बाद यूपीआइएफ को औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। इन्वेस्टमेंट मैनेजर को फंड के कुल आकार के 2.5 प्रतिशत या पांच करोड़ रुपये, जो कम हो, का योगदान करना होगा। उसे समय-समय पर वेंचर कैपिटल फंड का गठन कर उसे भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड में आल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड की श्रेणी में पंजीकृत कराना होगा। वेंचर कैपिटल फंड के गठन के बाद इन्वेस्टमेंट मैनेजर निजी निवेशकों और राज्य सरकार से उनकी प्रतिबद्धता के अनुसार पूंजी उपलब्ध कराने का अनुरोध करेगा। निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए इन्वेस्टमेंट मैनेजर की ओर से एडवाइजरी कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें निवेशकों और सरकार के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।