महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करेगी योगी सरकार, 11 जिलों से जुटाए जा रहे आंकड़े
योगी सरकार महाकुंभ के आयोजन से जुड़े आर्थिक प्रभाव का अध्ययन कराएगी। इसके तहत 11 जिलों—प्रयागराज अयोध्या मथुरा वाराणसी लखनऊ आदि—से दिसंबर से फरवरी के बीच के आर्थिक आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसमें जल आपूर्ति पर्यटन रोजगार व्यापार और स्थानीय निकायों के आय-व्यय का विवरण शामिल होगा। सरकार का मानना है कि महाकुंभ से धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है। यह अध्ययन भविष्य की विकास

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महाकुंभ के ऐतिहासिक आयोजन को लेकर देश-विदेशी की अनेक संस्थाएं तो शोध में जुटी ही हैं, अब योगी सरकार खुद भी इसके आर्थिक प्रभाव का आकलन करने को अध्ययन करेगी। आयोजन के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं-पर्यटकों की आमद के साथ बड़े पैमाने पर विभिन्न गतिविधियों में रोजगार का सृजन हुआ था।
11 जिलों के आंकड़ों के आधार पर बेहतर आर्थिक गतिविधियों की पहचान की जाएगी और उनको आधार बनाकर प्रदेश को विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी। स्थानीय निकाय निदेशालय ने इसके लिए नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों से महाकुंभ के प्रभाव सहित पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।
अध्ययन के लिए स्थानीय निकाय निदेशालय ने प्रयागराज, महाकुंभ नगर, वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, मथुरा, मीरजापुर, सोनभद्र, चित्रकूट, आगरा और सीतापुर से आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं। इसमें विशेष रूप से बीते साल के दिसंबर और वर्तमान वर्ष जनवरी और फरवरी माह के आर्थिक आंकड़े एकत्र किए जाने हैं।
आर्थिक प्रभाव का किया जाएगा आंकलन
इसके लिए जल आपूर्ति और उपयोगी सेवाओं का आर्थिक योगदान, स्थानीय निकायों के आय और व्यय का विवरण, पर्यटन और हास्पिटैलिटी सेक्टर में वृद्धि, रोजगार सृजन और स्थानीय व्यापार पर प्रभाव को लेकर विवरण मांगा गया है। इनके आधार पर आयोजन के दौरान पैदा हुए आर्थिक प्रभाव का आंकलन किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि महाकुंभ जैसे आयोजन से धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों को तो बल मिलता ही है, पर्यटन, होटल व्यवसाय, परिवहन, स्थानीय उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ा लाभ होता है। आंकड़े सामने आने आने के बाद भविष्य में अन्य आयोजनों से अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभ का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।
प्रयागराज की ही तरह अयोध्या, मथुरा और वाराणसी समेत अन्य धार्मिक नगरों के विकास की रणनीति और प्रभाव क्षेत्र को अधिक व्यापक बनाने के लिए गतिविधियों की योजना बनाई जा सकेगी।
ये भी पढ़ें -
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।