योगी सरकार का समावेशी बजट: छात्रवृत्ति, विवाह सहायता और दिव्यांग कल्याण के लिए खुला खजाना
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2025-26 के अनुपूरक बजट में समाज कल्याण और दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान किए हैं। इ ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के समेकित और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 2025-26 के अनुपूरक बजट में सरकार ने समाज कल्याण और दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान किए हैं। इस बजट का मुख्य फोकस ओबीसी (OBC), अनुसूचित जाति (SC), और अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों की शिक्षा, निर्धन कन्याओं के विवाह और दिव्यांगों के लिए बाधारहित वातावरण तैयार करने पर है।
शिक्षा और छात्रवृत्ति: युवाओं के सपनों को उड़ान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सुनिश्चित किया है कि धन के अभाव में किसी भी छात्र की पढ़ाई न रुके। अनुपूरक बजट में छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए भारी-भरकम राशि आवंटित की गई है-
OBC छात्रवृत्ति: शिक्षण संस्थानों में दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 362 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसमें पिछले वर्ष का अवशेष भुगतान और वर्तमान सत्र के पात्र छात्र शामिल हैं।
SC/ST शिक्षा: विभिन्न मेडिकलकॉलेजों और संस्थानों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 15.46 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
हॉस्टल निर्माण: ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास निर्माण हेतु 2 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किए गए हैं।
सामाजिक सुरक्षा: विवाह सहायता और वृद्धजन कल्याण
वंचित परिवारों को सामाजिक संबल प्रदान करने के लिए सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजनाओं के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है:
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: इस योजना को और विस्तार देने के लिए 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी गई है।
ओबीसी कन्या विवाह: पिछड़ा वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों के विवाह के लिए 32 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अटल वयो अभ्युदय योजना: वृद्धजनों को सम्मानजनक जीवन और सामाजिक सुरक्षा देने हेतु 5.59 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत अनुसूचित जाति के लिए 1223.55 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा अनुपूरक अनुदान दिया है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता के लिए 11.40 करोड़ का अलग से प्रावधान किया गया है।
दिव्यांग सशक्तिकरण: तकनीक और सुगमता का मेल
दिव्यांग जनों के जीवन को सरल बनाने के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचे और तकनीक पर निवेश किया है:
बाधारहित वातावरण: सरकारी और सार्वजनिक भवनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने के लिए 6 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
डिजिटल इंडिया: विभाग के ई-ऑफिस संचालन और हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर के लिए 1 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
पुनर्वास विश्वविद्यालय: डॉ. शकुन्तलामिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को सहायता अनुदान के रूप में 5.43 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
यह अनुपूरक बजट दर्शाता है कि योगी सरकार "सबका साथ, सबका विकास" के मंत्र को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के पहुँच रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।