ODOP में शामिल होगा आगरा का 'पेठा', विदेशों में भी किया जाएगा एक्सपोर्ट, ये है सरकार का प्लान
उत्तर प्रदेश की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में नए उत्पादों को शामिल किया जा रहा है। आगरा का प्रसिद्ध पेठा भी इस योजना में शामिल होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में इस योजना की शुरुआत की थी। अभी तक 110 उत्पादों को योजना में शामिल किया जा चुका है। इन उत्पादों की जीआई टैगिंग भी हो चुकी है।
मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। प्रदेश में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत उत्पादों की श्रृंखला को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सभी जिलों से नए उत्पादों को योजना में शामिल करने के लिए उत्पादों की जानकारी मंगा ली गई है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग ने इन उत्पादों को योजना में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इनमें आगरा का पेठा भी शामिल है।
2018 में शुरू हुई थी ये स्कीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर वर्ष 2018 में ओडीओपी योजना का शुभारम्भ किया था। प्रदेश के घरेलू व शिल्प उत्पादों की वैश्विक स्तर पर बिक्री बढ़ाने के लिए शुरू की गई योजना के तहत हर जिले से एक-एक उत्पाद को चिह्नित किया गया था।
उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मिल रही पहचान
पहले चरण में सभी जिलों के 57 उत्पादों को योजना में शामिल किया गया था। अभी तक सभी जिलों के कुल 110 उत्पादों को योजना में शामिल किया जा चुका है। इन उत्पादों की जीआइ टैगिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है, जिससे वैश्विक स्तर पर इन्हें नई पहचान मिल रही है।
वर्तमान में 31 जिलों के एक-एक उत्पाद ही योजना में शामिल हैं, जबकि 44 जिलों के एक से अधिक उत्पादों को योजना में शामिल किया जा चुका है। विभाग ने बीते दिनों उत्पादों की श्रृंखला को बढ़ाने के लिए जिलों से सुझाव मांगे थे। कई जिलों ने नए उत्पादों को योजना में शामिल करने के सुझाव विभाग को दिए हैं।
आगरा के पेठा को किया जाएगा शामिल
गाजियाबाद से मेटल, टेक्सटाइल व अपैरल को योजना में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। अभी तक यहां से यांत्रिकी उत्पाद को ही योजना में शामिल किया गया था। इसी प्रकार अमरोहा से ढोलक व रेडीमेड गारमेंट्स के अलावा मेटल व वूडेन हस्तशिल्प व आगरा से पेठा को शामिल करने की तैयारी है।
आगार से चमड़े व मार्बल के हस्तशिल्प उत्पाद योजना में शामिल पहले से शामिल हैं। वहीं, बिजनौर से काष्ठशिल्प के साथ पेंट व ब्रश को भी योजना में शामिल करने किया जा रहा है। इसी प्रकार बरेली से जरी-जरदोजी व बांस के उत्पादों के अलावा लकड़ी के उत्पाद तथा हमीरपुर से जूती के अलावा मेटल उत्पादों को भी योजना में शामिल किया जा रहा है।
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