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    योगी सरकार ने ये सुविधा देकर टेंशन ही कर दी खत्म, अब किसानों के लिए गेहूं बिक्री हुई और भी आसान

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 08:38 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग ने गेहूं बिक्री के लिए सत्यापन प्रक्रिया सरल की है। अब 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेचने पर किसानों को सत्यापन से छूट मिलेगी और वे अनुमानित उत्पादन का तीन गुना तक बेच सकेंगे। किसानों को पोर्टल fcs.up.gov.in या ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण/नवीनीकरण की सुविधा है। शनिवार तक प्रदेश में 377678 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है।

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    100 क्विंटल से ऊपर गेहूं बेचने पर किसानों को सत्यापन से छूट - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग ने गेंहू की बिक्री के लिए सत्यापन की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। अब 100 क्विंटल से ऊपर गेंहू की बिक्री करने पर किसानों को सत्यापन से छूट दे दी गई है। किसान अनुमानित उत्पादन के तीन गुणा तक बिक्री कर सकेंगे।

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    सरकार की कोशिश है कि सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को गेहूं बेचने में असुविधा न हो। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण व नवीनीकरण कराने की सुविधा प्रदान की गई है।

    शनिवार तक प्रदेश में 3,77,678 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है, जबकि 39,006 किसानों ने गेंहू की बिक्री की है। साथ ही 2.06 लाख टन गेंहू की सरकारी खरीद की जा चुकी है। गेंहू की बिक्री पर किसानों को 2,425 रुपये प्रति क्विंटल दिए जा रहे हैं। साथ ही उतराई, छनाई व सफाई के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल दिए जा रहे हैं।

    किसानों को आढ़तियों के पास गेहूं बेचने से रोका, हंगामा

    वहीं, लखीमपुर जिले में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं खरीद का सरकारी लक्ष्य प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। सरकार के निर्देश पर प्रशासन गेहूं खरीद अभियान को सफल बनाने में जुटा है, लेकिन खुले बाजार में ज्यादा दाम मिलने के कारण किसान सरकारी क्रय केंद्रों की ओर कम रुख कर रहे हैं।

    सरदार सरजीत सिंह निवासी सीतापुर बताते हैं की केंद्र पर बेचने से हमारा नुकसान है । क्योंकि वहां सस्ता गेहूं जाता है और बाहर आढ़त पर महंगा। उमाशंकर निवासी उदनापुर बताते हैं की सरकारी केंद्र पर कागजी कार्रवाई ज्यादा है और हम लोगों को रुपयों की जरूरत होती है तब हम आढ़त से पैसे एडवांस में ले लेते हैं।

    सीजन पर गेहूं देखकर कटवा देते है विनोद कुमार निवासी वाजपेई के कहते हैं की गन्ना बुवाई बच्चों के कोर्स और फीस के लिए रूपये हम बाहर आढ़त से ले लेते हैं और हमारा काम चल जाता है आढ़त पर गेहूं महंगा भी है जबकि सेंटरों पर सस्ता शनिवार को कृषि उत्पादन मंडी समिति में खुले बाजार में हो रही गेहूं की खरीद पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए व्यापारियों पर शिकंजा कसा।

    कार्रवाई के चलते कुछ समय के लिए बाजार में खरीद प्रभावित रही। इस बीच मंडी समिति के सचिव आशीष कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि मंडी में किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

    उन्होंने बताया कि केवल अनियमितताओं को रोकने के लिए कार्रवाई की गई है ताकि सरकारी क्रय केंद्रों पर भी आवक सुनिश्चित हो सके। प्रशासन का प्रयास है कि किसानों को सरकारी दरों का लाभ मिले और खरीद लक्ष्य समय पर पूरा हो सके। वहीं, व्यापारी वर्ग प्रशासन की कार्रवाई से कुछ हद तक असहज नजर आया।