योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में बसों का किराया हो सकता है कम; शहरों से गांवों तक मिलेगी सुविधा
उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल ई-बसों के माध्यम से शहरी परिवहन का विस्तार करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े शहरों से कस्बों तक निजी ई-बस सेवा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किराए को विनियमित करने और पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। सरकार 15 साल से पुरानी डीजल-सीएनजी बसों को हटाकर नई ई-बसें लाएगी और शहरों को स्मार्ट बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
राज्य ब्यूराे, लखनऊ। प्रदेश सरकार पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ईंधन वाली बसों के नगरीय परिवहन का विस्तार करने जा रही है। इसके लिए सिटी बस सेवा में निजी ई-बस संचालकों को भी अवसर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े नगरों से नजदीकी कस्बों तक ई बस सेवा का संचालन कराने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि जनहित में बसों का किराया विनियमित (रेग्युलेट) किया जाना चाहिए। बसों की पार्किंग की जगह तय हो, रूट तय किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को नगर विकास विभाग में संचालित परियोजनाओं की समीक्षा की और भावी कार्ययोजनाओं को लेकर दिशा-निर्देश दिए। वर्तमान में 15 नगरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 15 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी डीजल-सीएनजी बस का उपयोग न होने दिया जाए।
बसों को स्क्रैप कराकर ई-बसें लाई जाएं। पार्किंग की समस्या पर चिंता जाते हुए निर्देश दिए कि पार्किंग को मांग, स्थान और समय के अनुरूप व्यवस्थित किया जाए। इसके शुल्क में समरूपता होनी चाहिए, किसी सूरत में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली न होने दी जाए। स्थानीय व्यापारियों, दुकानों, कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों आदि का बस सेवा का मासिक पास बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि नगरों में विज्ञापन होर्डिंग लगाने में एकरूपता हो। इनसे किसी महापुरुष की प्रतिमा-चित्र आदि विकृत नहीं होना चाहिए। खतरनाक होर्डिंग के स्थान पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले बोर्ड को वरीयता दी जाए। अवैध होर्डिंग को तत्काल हटवाएं।
इसके लिए सभी नगरीय निकायों के लिए स्पष्ट नियामवली होनी चाहिए। योगी ने कहा कि सभी नगरीय निकायों में अचल संपत्तियों के नामांतरण, पंजीयन, वसीयत आदि प्रकरणों के लिए एकसमान प्रक्रिया और एकसमान शुल्क की व्यवस्था की जाए।
स्मार्ट नगर पालिका योजना
मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय वाले नगर निकायों को स्मार्ट नगर पालिका के रूप में विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। कहा कि योजना के लिए बजट का आवंटन हो चुका है। स्मार्ट नगर पालिकाओं में डिजिटल गर्वनेंस, वैल्यू एडेड सिटिजन सर्विस, जल भराव की समस्या की मानीटरिंग, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट प्रकाश प्रबंधन, प्रदर्शनी स्थल, आडिटोरियम, वेंडिंग ज़ोन, डिजिटल लाइब्रेरी, नवीकरणीय ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन जैसे ईज आफ लिविंग संबंधी कार्य कराए जाएं।
इन निकायों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करें। नगर निकायों में मैनपावर की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां कहीं पद रिक्त हैं, तत्काल भर्ती की कार्यवाही करें। जहां आउटसोर्सिंग से तैनाती होनी हो, बिना विलंब प्रक्रिया पूरी करें। बरसात आरंभ होने से पहले सभी निकायों में ड्रेनेज व्यवस्था को बेहतर कर लिया जाए। कहीं भी जलभराव न हो, इसके लिए समय से तैयारी कर लें। आवश्यकता हो तो नए नाले भी बनाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी नगर निकाय अपनी आय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करें। लखनऊ, गाजियाबाद और आगरा नगर निगम के बाद अब इसी माह वाराणसी और प्रयागराज नगर निगम द्वारा म्युनिसिपल बांड जल्द जारी कराया जाए। इसी वित्तीय वर्ष में गोरखपुर, मेरठ और कानपुर नगर निगमों द्वारा म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी करें। उन्होंने स्ट्रीट डाग के काटने की समस्या के स्थायी समाधान के लिए कार्य करने के भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
मथुरा-वृंदावन में कृष्ण लोक और अयोध्या में तैयार होगा लवकुश पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में वेस्ट मैटेरियल से तैयार शिवालिक पार्क श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। इसी तर्ज पर नगर के वेस्ट और धातु अपशिष्ट का सदुपयोग करते हुए मथुरा-वृंदावन नगर निगम सीमा में भव्य ''''कृष्ण लोक'''' पार्क और अयोध्या में लवकुश पार्क व श्रीपुरुषोत्तम दर्शन अनुभव केंद्र तैयार किया जाए। जहां भगवान राम, भगवान कृष्ण तथा लवकुश के जीवन चरित्र से जुड़ी कथाओं को दर्शाया जाए। 3-डी इंटरेक्टिव माडल, लाइट एंड साउंड शो हो। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र बनेंगे।
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