Yogi Cabinet: इन जिलों को मिला तोहफा, 5 मार्गों को किया जाएगा चौड़ा, सरकार बनाने जा रही फ्लाईओवर और रेलवे ओवरपास
योगी कैबिनेट ( Yogi Cabinet ) ने वाराणसी में जाम से मुक्ति के लिए तीन मार्गों को चौड़ा करने की मंजूरी दी है। कानपुर में यातायात सुगम बनाने हेतु एक रेलवे ओवरब्रिज और दो फ्लाईओवरों का निर्माण होगा। बाराबंकी में भी एक महत्वपूर्ण मार्ग को चार लेन का बनाया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में वाराणसी में नागरिकों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए तीन मार्गों को चौड़ा करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है। वहीं कानपुर नगर में यातायात की समस्या हल करने के लिए एक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और दो फ्लाई ओवर के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
साथ ही बाराबंकी में इंटौजा-महोना-कुम्हरवा-कुर्सी-देवां- चिनहट मार्ग को दो लेन से चौड़ा करके चार लेन में बनाने की स्वीकृति दी गई है। बाराबंकी के 27.35 किलोमीटर के इस मार्ग के चार लेन में बनने के बाद आसपास की आबादी को यातायात की समस्या से राहत मिलेगी।
चार लेन बनाया जाएगा मार्ग
वाराणसी में कचहरी से आशापुर चौराहा होते हुए संदहा तक 9.32 किलोमीटर के मार्ग को लोक निर्माण विभाग द्वारा चार लेन में बनाया जाएगा। इसी प्रकार वाराणसी में काली माता मंदिर से आवास विकास कालोनी होते हुए आजमगढ़ मार्ग तक 2.4 किलोमीटर के मार्ग को दो लेन व पाण्डेय पुर चौराहा से रिंग रोड तक के 4.10 किलोमीटर मार्ग को फोर लेन मार्ग के रूप में बनाने की स्वीकृति दी गई है।
इस मार्ग के चौड़ा होने के बाद वाराणसी में नागरिकों को जाम से मुक्त मिलेगी। इसके अलावा वाराणसी के पड़ाव रामनगर (टेंगरा मोड़) मार्ग के शेष बचे 6.85 किलोमीटर के शेष बचे मार्ग को चार लेन बनाया जाएगा। इन तीनों मार्गों के चौड़ा होने के बाद वाराणसी में नागरिकों की राह सुलभ हो जाएगी।
कानपुर में भी होगा विकास
इसके अलावा कानपुर नगर में अनवर गंज-रावतपुर रेल मार्ग पर जरीब चौकी के पास आरओबी का निर्माण किया जाएगा। चार लेन में बनने वाले इस आरओबी के निर्माण से आवागमन में नागरिकों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही जीटी रोड पर चार लेन व घंटाघर मार्ग पर दो लेन का फ्लाई ओवर बनाया जाएगा।
इसकी भी स्वीकृति कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में प्रदान की गई है। इसके निर्माण के बाद शहर की अंदरूनी हिस्से की यातायात समस्या हल होगी। वहीं शुक्लागंज व उन्नाव को जोड़ने वाले गंगा नदी पर बने पुराने क्षतिग्रस्त सेतु व पहुंच मार्ग को चार लेन में बनाया जाएगा।

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