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    स्मार्ट सिटी के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने को दो साल की और मिली मोहलत, योगी सरकार ने समय सीमा बढ़ाई

    योगी सरकार ने राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना (State Smart City Mission) का कार्यकाल दो वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत प्रदेश के सात नगर निगमों (Municipal Corporation) में विकास कार्य किए जा रहे हैं। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। अब राज्य मिशन वित्तीय वर्ष 2026-27 तक संचालित होगा।

    By Nishant Yadav Edited By: Sakshi Gupta Updated: Mon, 10 Mar 2025 05:46 PM (IST)
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    दो साल बढ़ा राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना का कार्यकाल। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना का कार्यकाल दो वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्रदेश के सात नगर निगमों में यह योजना चल रही है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

    कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन योजना प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में लागू है। केंद्र सरकार ने 10 नगर निगम वाले शहरों का चयन किया था, जबकि शेष बचे सात नगर निगम प्रदेश सरकार अपने बजट से स्मार्ट बना रही है।

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    राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत गाजियाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर और गोरखपुर का विकास किया जा रहा है। मिशन का पांच वर्ष का कार्यकाल 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा था। अब सरकार ने इसे दो वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है।

    इससे शहरी विकास को गति मिलेगी। अब राज्य मिशन वित्तीय वर्ष 2026-27 तक संचालित होगा। ऐसे में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्य अब 31 मार्च 2027 कर पूरे किए जा सकेंगे।

    इसे भी पढ़ें- UP में 17 मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद, सरकार ने MSP बढ़ाई; अब अन्नदाताओं को इतना मिलेगा भाव

    योगी सरकार ने गेहूं की एमएसपी बढ़ाई

    राज्य में गेंहू की सरकारी खरीद होली के बाद 17 मार्च से शुरू होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं क्रय नीति को स्वीकृति दे दी गई।

    2425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 15 जून तक होने वाली इस खरीद के लिए 6500 क्रय केंद्र खोले जाएंगे। बटाईदार किसान और पंजीकृत ट्रस्ट को भी यह सुविधा मिलेगी।

    बैठक में कुल 19 प्रस्ताव पास हुए

    कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि सोमवार की बैठक में कुल 19 प्रस्ताव आए थे, सभी स्वीकृत हो गए हैं। गेहूं क्रय नीति के अनुसार, इलेक्ट्रानिक प्वॉइंट ऑफ परचेज (ई-पाप) मशीन के माध्यम से किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केंद्रों-मोबाइल क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी।

    ई-पॉप पर की गई खरीद के अतिरिक्त किसी भी क्रय को मान्यता नहीं दी जाएगी। मोबाइल क्रय केंद्रों पर होने वाली प्रत्येक खरीद का ई-पॉप डिवाइस द्वारा अक्षांश-देशांतर भी कैप्चर किया जाएगा। बटाईदार भी पंजीकरण कराकर गेहूं की बिक्री कर सकेंगे।