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    यूपी में भारी बारिश से जलभराव, योगी सरकार ने 24×7 कंट्रोल रूम और रेस्क्यू टीमों को किया अलर्ट

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 07:49 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण जलभराव और नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था तत्काल सुचारु की जाए और नागरिकों को हर संभव मदद पहुंचाई जाए। बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

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    जलनिकासी, राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही नहीं चलेगी: मुख्यमंत्री का प्रशासन को निर्देश।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हाल की बरसात के कारण उत्पन्न परिस्थितियों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों के जलस्तर में आई वृद्धि की सोमवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा के चलते जलभराव, सड़क क्षति और कुछ क्षेत्रों में नदियों के जलस्तर में तेज वृद्धि देखी गई है। इस पर सतत निगरानी रखी जाए। संबंधित विभागों, नगर निगमों, विकास प्राधिकरणों और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए कि जलनिकासी की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से सुचारु बनाया जाए।

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    सभी जलभराव प्रभावित क्षेत्रों से जल निकासी यथाशीघ्र की जाए, ताकि नागरिकों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत या आपात सूचना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड सहित प्रदेश के उन क्षेत्रों में, जहां भारी वर्षा हुई है, वहां जलशक्ति मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें और जलभराव, बाढ़ की स्थिति तथा जल संरचनाओं की स्थिति का मूल्यांकन कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराएं।

    साथ ही, उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन 16 जिलों का विशेष उल्लेख किया जहां अब तक औसत से कम वर्षा हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध हो, इसकी अग्रिम व्यवस्था की जाए ताकि खेती-किसानी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

    मुख्यमंत्री ने नगर निकायों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सीवर लाइनें और ड्रेनेज सिस्टम नियमित रूप से साफ हों। जलभराव के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता पर की जाए। विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया कि जलभराव वाले इलाकों में विद्युत आपूर्ति प्रबंधन अत्यंत सावधानी से करें, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।

    मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ की आशंका वाले संवेदनशील इलाकों में पहले से ही पर्याप्त प्रबंध कर लिए जाएं। राहत और बचाव दलों को सतर्क रखा जाए और नाव, सर्च लाइट, जीवन रक्षक उपकरण, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सामग्रियां पूरी तत्परता के साथ तैयार रहें। तटवर्ती क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को सक्रिय मोड में रखा जाए।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में जनहानि या पशुहानि न हो, इसके लिए प्रशासन पूर्ण सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करे। संकट की घड़ी में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, उन्हें भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई लापरवाही न हो।

    मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारी और नगर निकाय प्रमुखों को अपने क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति की भौतिक समीक्षा करने और 24×7 नियंत्रण कक्षों के माध्यम से निरंतर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए।

    उन्होंने यह भी कहा कि जनसामान्य को मौसम, वर्षा और जलस्तर से जुड़ी अद्यतन जानकारी समय-समय पर दी जाए। इसके लिए स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया और आपदा प्रबंधन ऐप का उपयोग प्रभावी ढंग से किया जाए, ताकि लोग पहले से सतर्क और सावधान रह सकें।

    पशुपालन, कृषि और राजस्व विभाग को भी निर्देश दिए गए कि बारिश और जलभराव से फसलों, पशुधन या संपत्ति को जो नुकसान हुआ है, उसका त्वरित आंकलन कर राहत और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाए।

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