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    सीएम योगी के आदेश के बाद घुसपैठियों की तलाश में एलआईयू, SIR की भी ली जा रही मदद

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:24 PM (IST)

    मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राजधानी में अवैध तरह से रह रहे विदेशी नागरिक की तलाश में पुलिस आयुक्त ने स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को लगाया है। इसके साथ ही एसआईआर की मदद भी ली जा रही है। उसमें मिलने वाले संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। उधर, वजीरगंज पुलिस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशी टप्पेबाज का नेटवर्क भी तेजी से खंगाला जा रहा है।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राजधानी में अवैध तरह से रह रहे विदेशी नागरिक की तलाश में पुलिस आयुक्त ने स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को लगाया है। इसके साथ ही एसआईआर की मदद भी ली जा रही है। उसमें मिलने वाले संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। उधर, वजीरगंज पुलिस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशी टप्पेबाज का नेटवर्क भी तेजी से खंगाला जा रहा है।

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    पुलिस ने बताया कि यहां रहने वाले विदेशी नागरिकों का ब्योरा खंगाला जा हा है। एलआइयू अपने सूत्रों के जरिए पता कर रही। साथ ही इसमें एसआइआर की मदद भी ले रही है। एसआइआर में सभी लोगों को ब्योरा लिया जा रहा, जिसमें उनके पुराने दस्तावेजों का मिलान भी हो जा रहा है। इससे एलआइयू का काफी मदद मिल रही है। इस डाटा की मदद से उन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। कुछ पर शक हो रहा है, तो उनका पुराना डाटा भी जुटाया जा रहा है।

    उधर, वजीरगंज पुलिस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशी टप्पेबाज हसन शेख के साथी दुबग्गा निवासी मोबिन की तलाश में दो टीमें लगी हुई है। इसके साथ ही दुबग्गा पुलिस की मदद भी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हसन शेख के पिता मूसा शेख का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। साथ ही कहां-कहां इन लोगों ने ट्रैवल किया है, उसका पता भी लिया जा रहा है।



    हसन को रिमांड पर ले सकती है वजीरगंज पुलिस

    घुसपैठिये हसन शेख के बारे में और जानकारी के लिए वजीरगंज पुलिस कस्टडी रिमांड ले सकती है। ताकि हसन के गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं, उसका पता भी लगाया जा रहा है। इस मामले में वजीरगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि दोनों को जेल भेज दिया गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।



    रियाल कहां से आते थे, उसका भी लगाया जा रहा पता

    पुलिस ने बताया कि मोबिन के पास इतने रियाल कहां से आते थे, इसके लिए एकटीम लगी हुई है। आखिर इतनी संख्या में विदेशी करेंसी मोबिन कहां से लाता था। ट्रैवल हिस्ट्री पता की जा रही है कि मोबिन नाम का व्यक्ति कितने बार विदेश गया है।