निकायों में घटिया निर्माण पर इंजीनियरों से भी होगी 50 प्रतिशत वसूली, नहीं बचेंगे ठेकेदार भी
Yogi Adityanath Government Strict on Sub Standard Works कामों में गड़बड़ी होने पर कुल क्षति का 50 प्रतिशत ठेकेदार से वसूला जाएगा। वहीं शेष 50 प्रतिशत अभियंता से वसूला जाएगा। इसमें 35 प्रतिशत अवर अभियंता 10 प्रतिशत सहायक और पांच प्रतिशत अधिशासी अभियंता से वसूला जाएगा। नगर पालिकाएं दो करोड़ रुपये तक के कार्य करा सकेंगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : निकायों में घटिया कार्य पर निलंबन आदि की कार्रवाई के साथ अब इंजीनियरों से लागत के 50 प्रतिशत की वसूली भी की जाएगी। 50 प्रतिशत संबंधित ठेकेदार से वसूला जाएगा। सरकार ने नगर पंचायतों और पालिकाओं के लिए जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में यह व्यवस्था की है।
निकायों के विकास कार्य कराने के अधिकार को सरकार ने बढ़ा दिया है। पूर्व में नगर पंचायतों और पालिकाएं अपने स्तर से केवल 40 लाख रुपये तक के ही काम करा सकती थीं। लेकिन, अब स्वयं के अधिकार से नगर पंचायतें एक करोड़ रुपये और नगर पालिकाएं दो करोड़ रुपये तक के कार्य करा सकेंगी।
एसओपी के अनुसार कामों में गड़बड़ी होने पर कुल क्षति का 50 प्रतिशत ठेकेदार से वसूला जाएगा। वहीं शेष 50 प्रतिशत अभियंता से वसूला जाएगा। इसमें 35 प्रतिशत अवर अभियंता, 10 प्रतिशत सहायक और पांच प्रतिशत अधिशासी अभियंता से वसूला जाएगा।
इनमें से किसी स्तर का अधिकारी न होने पर उसके अंश का 30 प्रतिशत अधिशासी अधिकारी और 20 प्रतिशत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से वसूला जाएगा। निकायों द्वारा वार्डवार सड़कों की डायरी बनाई जाएगी और उसे कार्यालय में अनिवार्य रूप से रखा जाएगा, जिससे एक ही सड़क बार-बार न बनाई जा सके। इसकी जीआइएस मैपिंग भी कराई जाएगी।
एसओपी में कहा गया है कि निकायों द्वारा विकास के लिए एक समेकित कार्ययोजना तैयार की जाएगी, इसमें सड़क, जल निकासी, मार्ग प्रकाश आदि के सभी बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।
टाइल्स की बनेंगी 3.75 मीटर तक चौड़ी सड़कें
अधिकतम 3.75 मीटर तक चौड़ी सड़कें ही टाइल्स की बनाई जाएंगी। इससे अधिक चौड़ी सड़कें सीसी और डामर से बनाई जाएंगी। इसके लिए फुल डेप्थ रेक्लमेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 3.75 मीटर से कम चौड़ी सड़क के साथ स्थलीय स्थिति व जरूरत के अनुसार केसी टाइप नाली का निर्माण और इससे अधिक चौड़ी सड़क में यू-टाइप आरसीसी नाली का निर्माण लोक निर्माण विभाग के मानक के अनुसार कराया जाएगा।
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