COVID-19 Warriors: योग, प्राणायाम और सकारात्मक सोच से जीती कोरोना की जंग, घर में इलाज कर फिट हुए डाॅ.अमरनाथ यती
जिला समाज कल्याण अधिकारी डा.अमरनाथ यती कोरोना संक्रमण के दौर में मदद करने की उत्सुकता और कार्य के प्रति सपर्मण के चलते 20 अप्रैल को कोराेना संक्रमित हो गए। बावजूद इसके मोबाइल फोन से ऑक्सीजन सिलिंडर दिलाने की जिम्मेदारी निभाते रहे।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के दौर में मदद करने की उत्सुकता और कार्य के प्रति सपर्मण के चलते 20 अप्रैल को कोराेना संक्रमित हो गए। बावजूद इसके मोबाइल फोन से ऑक्सीजन सिलिंडर दिलाने की जिम्मेदारी निभाते रहे। घर में रहकर योग,प्राणायाम और सकारात्मक सोच के बल पर 20 दिन में काेरोना को मात दे कर विजय हासिल की। यह कहना है, जिला समाज कल्याण अधिकारी डा.अमरनाथ यती का। उन्होंने बताया कि 18 अप्रैल को बुखार व हरारत महसूस हुई तो मुझे लगा की टेस्ट करा लेना चाहिए।
ऑक्सीजन प्लांट पर सिलिंडर दिलाने की जिम्मेदारी निभाते समय पता आनलाइन टेस्ट रिपोर्ट देखी तो पॉजिटिव था। 20 अप्रैल की शाम राजाजीपुरम स्थित अपने आवास आया और एक कमरे में खुद को कोरंटइन कर दिया। पत्नी को बाद में पता चला तो उन्हें दु:ख तो हुआ लेकिन मेरी अंदर की हिम्मत देखकर कोई परेशान नहीं हुआ। डाॅक्टर की सलाह पर नियमित दवाओं के साथ योग और प्राणायाम को जीवन का हिस्सा बना लिया और कोरोना को मात दे दी। सुबह उठते ही 30 मिनट प्राणायाम व योग करते थे। कमजोरी को दूर करने के लिए सुबह सबसे पहले चिरैता का काढ़ा बनाकर पीते थे। इसके आधे घंटे बाद अंकुरित चने के साथ दो बादाम भीगा हुआ खाते थे और गुड़ खाकर गरम पानी पी लेते थे। पांच दिन के अंदर तो चिरैता ने बुखार को रोक दिया, इसके बावजूद हम दवा खाते रहे । एक सप्ताह बाद बुखार की दवा बंद कर दी। फोन पर पीड़ितों की मदद करते रहे और बीमारी को भुलाते रहे। 10 मई को निगेटिव होने के बाद फील्ड का दौरा करने लगे। सरोजनीनगर के वृद्धाश्रम जाकर बुजुर्गो का आशीर्वाद लिया और उन्हें मास्क समेत कई सामान दिए। कोरोना संक्रमित काे चिंता छोड़कर खुद को मस्त रखने का काम करना चाहिए। कोरोना कुछ नहीं कर पाएगा।