कोविड प्रभावित फेफड़े होंगे ठीक, केजीएमयू के डा. सूर्यकांत व बलरामपुर के डाक्टर ने बनाया ये प्लान
कोरोना से उबरने के महीनों बाद भी लोगों में सांस फूलने खांसी आने चलने में भारीपन नींद न आनेकमजोरी की दिक्कत है। केजीएमयू के डा. सूर्यकांत त्रिपाठी व बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डा. नंदलाल यादव अब कोविड प्रभावित फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने को काम कर रहे हैं।

लखनऊ, जासं । कोरोना ने शरीर के किसी अंग को अगर सबसे अधिक प्रभावित किया है तो वह हैं हमारे फेफड़े। यही कारण है कि कोरोना से उबरने के महीनों बाद भी लोग सांस फूलने, खांसी आने, चलने में भारीपन, नींद न आने, कमजोरी आदि की शिकायतें लेकर केजीएमयू के पोस्ट कोविड क्लीनिक पहुंच रहे हैं । केजीएमयू के डा. सूर्यकांत त्रिपाठी व बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डा. नंदलाल यादव अब कोविड प्रभावित फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। मंगलवार को केजीएमयू की पोस्ट कोविड क्लीनिक और सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को बलरामपुर अस्पताल के आयुष विभाग में यह सुविधा मिलेगी।
बलरामपुर अस्पताल के योग विशेषज्ञ डा. नंदलाल यादव का कहना है कि चिकित्सा की आधुनिक तकनीक (एलोपैथी) से कोरोना से प्रभावित फेफड़ों के लिए दवा पूरी तरह से कारगर नहीं साबित हो रही है, जो विटामिन व मिनरल्स आदि दिये गए उनका भी सीमित असर ही दिखाई दिया । डा. सूर्यकान्त त्रिपाठी का कहना है कि पिछले सात महीनों से हर मंगलवार को विभाग में संचालित पोस्ट कोविड क्लीनिक में बहुत सारे मरीज फेफड़ों से संबंधित तकलीफों के आ रहे हैं । इन मरीजों को माडर्न मेडिसिन (एलोपैथी) के द्वारा उपचार करने का प्रयास किया जा रहा है । इसके बावजूद कई मरोजों को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता है और उनके फेफड़ों की कार्य क्षमता कमजोर बनी हुई है। अब इनके फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने का प्लान तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत योगासन, षट्कर्म व प्राणायाम द्वारा कोरोना से प्रभावित फेफड़ों की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा । इस परियोजना में डा. सूर्यकांत, डा. नंद लाल यादव, सीनियर चेस्ट कंसल्टेंट डा. आनंद कुमार गुप्ता, योग प्रशिक्षक संजीव त्रिवेदी भी शामिल रहेंगे ।
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