प्रख्यात लेखक चेतन भगत बोले-कठिन लिखकर कामयाब होने का दावा बेमानी, लखनऊ के युवओं को दिए टिप्स
उन्होंने कहा कि लेखक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पाठक को क्या पसंद है वह क्या चाहता है उसकी रुचि किसमें है। किताबों में युवाओं की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए हमें सिर्फ प्रेम कहानियों तक सीमित न रह कर मर्डर मिस्ट्री पर भी लिखना होगा।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : प्रख्यात लेखक चेतन भगत की सलाह है कि किताबें पढऩे की आदत डालें। पढऩे लगेंगे तो किताबों से प्यार हो जाएगा। आपका ज्ञान बढ़ेगा, जानकारी होगी। नए विचार आएंगे, तार्किक क्षमता बढ़ेगी। नए शब्द जानेंगे। इसका असर आपके व्यक्तित्व में सार्थक परिवर्तन के रूप में देखने को मिलेगा। चेतन कहते हैं कि यही बात लेखक के नजरिये से कही जाए तो लोगों तक पहुंचने के लिए भाषा का सरल होना बेहद जरूरी है। कठिन शब्दों का इस्तेमाल कर लेखक जन-जन तक नहीं पहुंच सकता। भारत में तो बिल्कुल नहीं।
दैनिक जागरण, प्रभा खेतान फाउंडेशन, एहसास वूमेन आफ लखनऊ और श्री सीमेंट की ओर से गुरुवार को चेतन भगत के साथ आनलाइन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें चेतन ने कहा कि समय के अनुसार जिंदगी में बदलाव जरूरी है। ऐसा न करने पर कोई भी हो, पीछे छूट जाएगा। कोरोना काल से बदली स्थितियां भी उसी का एक हिस्सा हैैं। उन्होंने कहा कि लेखक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पाठक को क्या पसंद है, वह क्या चाहता है, उसकी रुचि किसमें है। किताबों में युवाओं की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए हमें सिर्फ प्रेम कहानियों तक सीमित न रह कर मर्डर मिस्ट्री पर भी लिखना होगा।
शहरों पर चर्चा के दौरान चेतन भगत ने कहा, मेरा मानना है कि जहां बड़े जाम लगते हैं, वो शहर बड़ा होता है। दिल्ली उन्हीं में से है। दिल्ली के लोगों में समझ है। उन्होंने कहा मैं मोटीवेशनल स्पीकर जरूर हूं, मगर ऐसा नहीं है कि मैं निराश नहीं होता। ठीक उसी तरह जैसे डाक्टर भी बीमार पड़ते हैं। कोरोना काल में क्लाइंट खत्म हो गए, काफी नुकसान हुआ। ऐसे में मुझे भी निराशा हुई, मगर फिर मुझे अहसास हुआ कि लोगों को मैं समझाता हूं और ऐसे समय पर मैं खुद निराश हो रहा हूं। फिर मैंने खुद को भी मोटीवेट किया और 47 वर्ष की उम्र में यू-ट््यूबर बना। खिलाड़ी का करियर बहुत लंबा नहीं होता, लेकिन एक लेखक का करियर बहुत लंबा होता है।
चेतन बताते हैैं कि मैं आलोचकों को पसंद नहीं आया। मेरा मानना है कि आलोचक सासु मां की तरह हैं। मेरे दोस्त आज कारपोरेट सेक्टर में काफी बड़े-बड़े पदों पर हैं, मगर मेरी सोच रही कि मैं खुद का ब्रांड बनूं। लोग मुझे जानें। उन्होंने कहा, आइ एम नाट बेस्ट राइटर, आइ एम बेस्ट सेलिंग राइटर। कहा, जिंदगी की सारी परेशानियां खत्म हो सकती हैं, बशर्ते अपने भीतर का अहंकार खत्म कर दें। मेहनत करें और अपनी पहचान बनाएं।
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