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    विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी: यूपी में 'अंतिम मील' तक सुगम आवागमन का रोडमैप तैयार, व्यापार और अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 02:47 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार विजन-2047 के लक्ष्यों को साधते हुए परिवहन संरचना को सशक्त और आधुनिक बनाने पर काम कर रही है। सरकार रीजनल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 'उत्तम प्रदेश' बनाने के अपने संकल्प के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार विजन-2047 के लक्ष्यों को साधते हुए प्रदेश की परिवहन संरचना को सशक्त और आधुनिक बनाने पर निरंतर काम कर रही है। 'विकसित उत्तर प्रदेश' की परिकल्पना के तहत, सरकार का मुख्य ध्यान क्षेत्रीय आवागमन संपर्क (रीजनल कनेक्टिविटी) की अवसंरचनाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) सुनिश्चित करने पर है। इस व्यापक कार्ययोजना का उद्देश्य प्रदेश के शहरों, कस्बों और औद्योगिक क्षेत्रों को तेज, सुरक्षित और विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे व्यापार, रोजगार और शहरी अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके।

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    हाई-स्पीड नेटवर्क से रीजनल कनेक्टिविटी को मिलेगी नई दिशा
    प्रदेश सरकार हाई-स्पीड परिवहन नेटवर्क के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के बीच आवागमन को तेज और सुगम बनाने का एक व्यापक खाका तैयार कर रही है। यह पहल न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।

    1000 किलोमीटर से अधिक का हाई-स्पीड नेटवर्क: भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, प्रदेश के प्रमुख शहरों और आर्थिक केंद्रों को जोड़ने के लिए 1000 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास की कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है।

    1500 किलोमीटर का रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम: नगरीय क्षेत्रों के कायाकल्प के तहत, रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने के लिए लगभग 1500 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित परिवहन नेटवर्क के विकास की योजना बनाई जा रही है।

    ऑर्बिटल कॉरिडोर्स का निर्माण: विभिन्न ऑर्बिटल कॉरिडोर्स के निर्माण की योजना भी तैयार हो रही है। ये कॉरिडोर शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे, यातायात का दबाव कम करेंगे और औद्योगिक क्षेत्रों, लॉजिस्टिक्स हब तथा नगरीय केंद्रों को बेहतर तरीके से जोड़कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे।

    बहुआयामी परिवहन पर फोकस: इंटरसिटी हाइपरलूप, मेट्रो रेल परियोजनाओं का संचालन और विस्तार, तथा वॉटर मेट्रो नेटवर्क को बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

    व्यापार, रोजगार और निवेश को प्रोत्साहन: परिवहन नेटवर्क के विकास से उद्योगों को कच्चे माल, बाजार और श्रम शक्ति तक सुगमता से पहुंच मिलेगी। सरकार का मानना है कि सशक्त परिवहन अवसंरचना आर्थिक विकास की रीढ़ है, जिससे प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

    अंतिम मील कनेक्टिविटी: आम नागरिक की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता
    सरकार की रणनीति केवल बड़े नेटवर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की दैनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अंतिम मील कनेक्टिविटी को प्रमुख प्राथमिकता दी जा रही है।

    बाधा रहित आवागमन: रीजनल परिवहन प्रणालियों को शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों से जोड़ने के लिए परिवहन साधनों के विकास पर जोर है, जिससे लोगों को घर से कार्यस्थल, बाजार और अन्य आवश्यक सेवाओं तक निर्बाध पहुंच मिल सके।

    एकीकृत विकास दृष्टिकोण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट दृष्टिकोण के अनुरूप, विजन-2047 को केंद्र में रखते हुए रीजनल कनेक्टिविटी के साथ ही अंतिम मील कनेक्टिविटी को एकीकृत रूप से विकसित करने पर कार्य जारी है।

    इन प्रयासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक मानचित्र पर भी एक सशक्त तथा विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा रहे हैं।