World Menstrual Hygiene Day 2022: 'उन दिनों' में इस तरह रखें ख्याल तो जीवन रहेगा खुशहाल, अपनाएं ये तरीका
World Menstrual Hygiene Day 2022 माहवारी या मासिक धर्म के प्रति स्वच्छता रखने और भ्रांतियां मिटाने के लिए प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम 2030 तक माहवारी को जीवन का सामान्य हिस्सा बनाना है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। हर महीने की पांच दिन एक किशोरी को दर्द, तनाव, हिचक और कई भ्रांतियों से दो चार होकर गुजारने पड़ते हैं, जबकि उन पांच दिनों में उसे आराम और खुश रहने की आवश्यकता होती है। माहवारी या मासिक धर्म के प्रति स्वच्छता रखने और भ्रांतियां मिटाने के लिए प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम '2030 तक माहवारी को जीवन का सामान्य हिस्सा बनाना' है।
क्या होती है माहवारी : माहवारी लड़की के जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें योनि से रक्तस्राव होता है। माहवारी लड़की के शरीर को मां बनने के लिए तैयार करती है। 9-13 वर्ष के बीच इसकी शुरुआत होती है। 28 से 31 दिनों के बीच में एक बार माहवारी होती है। कुछ लड़कियों को माहवारी के समय पेट के निचले हिस्से में दर्द, मितली और थकान हो सकती है। यह घबराने की बात नहीं है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के क्वीन मैरी प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रो. सुजाता देवी बताती हैं कि क्वीन मैरी विभाग में वर्ष 2020-21 के बीच किए गए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि 50 से 60 प्रतिशत तक महिलाएं आज भी सूती कपड़े का उपयोग करती हैं। वहीं, 28 प्रतिशत लड़कियां और महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं। इसके अलावा 50 प्रतिशत से भी अधिक महिलाओं को एचआईवी-एड्स के अलावा किसी भी तरह के संक्रमण के बारे में नहीं जानकारी थी। विभाग में चल रहे किशोरी क्लीनिक में आने वाली लगभग 10 प्रतिशत लड़कियां मेंस्ट्रूअल कप और टेंपोन उपयोग करती हैं।
यूनिसेफ के जल एवं स्वच्छता अधिकारी कुमार बिक्रम ने बताया कि माहवारी प्रबंधन के तीन हिस्से हैं। पहला, हर किशोरी को उसके परिवार और विद्यालय से सही जानकारी मिले। दूसरा, घरों एवं सार्वजनिक स्थानों पर साबुन और पानी, स्वच्छ शौचालय, सैनिटरी नैपकिन/कपड़े का पैड। तीसरा, प्रयोग किए गए पैड के सुरक्षित निस्तारण के लिए इंसिनरेटर या ढक्कन बंद कूड़ेदान। इनके आधार पर ही किशोरियों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ाया जा सकता है।
अस्वच्छता से यह परेशानियां
- यूट्रस, ओवरी और फेलोपियन ट्यूब में प्रजनन प्रणाली का संक्रमण (आरटीआइ)
- पेशाब में जलन, खुजली, दर्द और सूजन का संक्रमण (यूटीआइ)
- शारीरिक संबंधों से होने वाले संक्रमण (एसटीआइ) में बैक्टीरियल इंफेक्शन में गोनोरिया और सिफलिस, वायरल इंफेक्शन में जेनिटल हर्पिस, एचआइवी-एड्स और जेनिटल वार्ट्स, पैरासाइटिक इंफेक्शन में ट्राइकोमोनियासिस (बच्चेदानी के मुख्य द्वार या वेजाइना से बदबूदार सफेद पानी आना) और फंगल इंफेक्शन में सफेद पानी आने की समस्या
- बांझपन और एक्टोपिक प्रेगनेंसी (बच्चेदानी की नली में बच्चा) हो सकता है
- बच्चेदानी में संक्रमण हो सकता है और आगे चलकर बच्चेदानी के मुंह में घाव बनकर सर्वाइकल कैंसर हो सकता है
करें यह उपाय
- खूब पानी पिएं
- यूरिन आए तो उसे न रोकें
- तनाव न लें
- महावारी के दौरान साफ सफाई का ध्यान रखें
- घर के पुरुषों को भी इस बारे में जरूर बताएं
- सूती कपड़े को धोकर, धूप में सुखाकर तीन बार ही इस्तेमाल करें
- माहवारी में उपयोग किये गए पैड को पेपर या पुराने अखबार में लपेटकर फेंकें