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    Working Women Hostel: चार जिलों में मिली जमीन, जल्द शुरू हाेगा माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला छात्रावास का निर्माण

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:16 PM (IST)

    Working Women Hostels in UP भारत सरकार विशेष सहायता कार्यक्रम के तहत संचालित श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना में लखनऊ गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में 500-500 महिलाओं के रहने की क्षमता वाले आठ अत्याधुनिक छात्रावास बनाने की प्रक्रिया पहले से चल रही है। सात माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला छात्रावास का निर्माण जल्द शुरू हो सकता है।

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    ब्यूरो: महिला छात्रावास को चार जिलों में मिली जमीन, तीन में तलाश

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए स्थापित होने वाले सात माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला छात्रावास का निर्माण जल्द शुरू हो सकता है।

    वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में इनके लिए जमीन चिह्नित कर महिला कल्याण विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है।विभाग ने इनके निर्माण के लिए कार्यदायी संस्थाओं से आगणन मांगा है। वहीं मेरठ, प्रयागराज व वाराणसी में अभी जमीन की तलाश हो रही है। 500-500 की क्षमता वाले इन छात्रावासों को सभी प्रकार सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

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    भारत सरकार विशेष सहायता कार्यक्रम के तहत संचालित श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना में लखनऊ, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में 500-500 महिलाओं के रहने की क्षमता वाले आठ अत्याधुनिक छात्रावास बनाने की प्रक्रिया पहले से चल रही है। कामकाजी महिलाओं को नगरीय क्षेत्र में सस्ती दरों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह योजना शुरू की गई है।

    इन छात्रावासों में मिशन शक्ति के दिशा-निर्देशों के तहत वार्डन, सुरक्षा स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ और आवश्यकतानुसार अन्य कार्मिकों की तैनाती की जाएगी। राज्य सरकार ने इसकी तर्ज पर मुख्यमंत्री महिला छात्रावास योजना शुरू की है और इसके तहत माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला हास्टल बनाए जाएंगे। योजना के तहत पूरा व्यय राज्य सरकार के स्तर से ही किया जा रहा है। योजना के पहले चरण में सात जिलों में छात्रवास बनाने को 170 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

    प्रमुख सचिव महिला कल्याण लीना जौहरी ने बताया कि मेरठ, प्रयागराज व वाराणसी में भी जल्द भूमि चिह्नित कर ली जाएगी। चिह्नाकंन की प्रक्रिया के साथ जिन जिलों में भूमि का हस्तांतरण हो चुका है, वहां निर्माण शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए शासन ने सीएण्डडीएस और राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया है। दोनों से आगणन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    ये मिलेंगी सुविधाएं

    महिला छात्रावासेों में सीसी कैमरे, सुरक्षा गार्ड, अग्निशमन यंत्र, शिशु सदन (क्रेच), जनरेटर-इनवर्टर, जिम सेंटर, आडिटोरियम, लांड्री, वाहन पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन, कैंटीन और डिपार्टमेंटल स्टोर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वार्डन, सुरक्षा स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ की भी तैनाती की जाएगी।

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