यूपी में वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए तकनीकी कोर्स की रफ्तार धीमी, विशेषज्ञों ने दी ये सलाह
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने कामकाजी लोगों के लिए इंजीनियरिंग कोर्स की अनुमति दी पर उत्तर प्रदेश में यह योजना सुस्त है। 753 में से केवल 8 कॉलेजों ने ही ऐसे कोर्स शुरू किए हैं। कई संस्थानों ने अनुमति के बाद भी पाठ्यक्रम शुरू नहीं किए। विशेषज्ञों के अनुसार ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में लचीली समय-सारणी और ईएमआई आधारित फीस से युवाओं में लोकप्रियता बढ़ सकती है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने कामकाजी लोगों के हित में इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी कोर्स चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहल दम तोड़ती नजर आ रही है।
राज्य के कुल 753 तकनीकी कालेजों में से सिर्फ आठ ने ही वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए ऐसे कोर्स शुरू किए हैं। कई संस्थानों ने एआइसीटीई से अनुमति लेने के बावजूद अभी तक पाठ्यक्रम शुरू नहीं किए हैं, जिससे नौकरीपेशा युवाओं को काम के साथ डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने का व्यावहारिक विकल्प नहीं मिल पा रहा है।
पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले के अतरौलिया स्थित गवर्नमेंट पालिटेक्निक ने इस दिशा में पहल करते हुए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में 30-30 सीटों वाले डिप्लोमा कोर्स प्रस्तावित किए हैं। इसके अलावा डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से जुड़े आठ कालेजों ने वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए बीटेक प्रोग्राम शुरू करने की अनुमति ली है, लेकिन सभी जगह इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है।
कुलपति प्रो. जेपी पांडे का कहना है कि वर्किंग प्रोफेशनल्स की कम रुचि के कारण तकनीकी कालेज कोर्स शुरू करने में हिचकिचा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोर्स आनलाइन या हाइब्रिड मोड में, लचीले समय-सारणी और ईएमआई आधारित फीस के साथ शुरू किए जाएं तो वर्किंग क्लास युवाओं में इनकी लोकप्रियता बढ़ सकती है।
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