महिला कल्याण विभाग ने कराया सत्यापन तो खुल गई पोल, 40 हजार अपात्र महिलाएं ले रहीं थी विधवा पेंशन
Ineligible Women were having Widow Pension अपात्रों के भी विधवा पेंशन का लाभ लेने की शिकायतों के बाद महिला कल्याण विभाग ने मई में लाभार्थियों का सत्यापन कराया था। सत्यापन के लिए जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक लाभार्थियों को डाटा उपलब्ध कराया गया था। 25 मई तक हुए सत्यापन में सच सामने आ गया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली महिला पेंशन योजना में 40 हजार अपात्र महिलाएं भी लाभ ले रही थीं। विभाग के सत्यापन में यह हकीकत सामने आई है। जिसके बाद संबंधित महिलाओं के नाम पात्रों की सूची से काट दिए गए हैं। अब विभाग शेष लाभार्थियों को चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तीन माह की किस्त जारी करने की तैयारी कर रहा है।
विधवाओं की सहायता के लिए प्रदेश सरकार निराश्रित महिला पेंशन का संचालन कर रही है। योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र वाली विधवा महिलाओं को वर्तमान में मासिक पेंशन के रूप में एक हजार रुपये की राशि दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में योजना के तहत 35.30 लाख विधवा महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया था।
अपात्रों के भी लाभ लेने की शिकायतों के बाद महिला कल्याण विभाग ने मई में लाभार्थियों का सत्यापन कराया था। सत्यापन के लिए जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक लाभार्थियों को डाटा उपलब्ध कराया गया था। 25 मई तक हुए सत्यापन में सामने आया कि पेंशन लेने वालों की सूची में 40 हजार अपात्र महिलाओं के भी नाम शामिल थे।
निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर ने बताया अपात्रता के जो मामले मिले हैं, उनमें अधिकांश महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया और उसके बाद भी उनका नाम पेंशनरों की सूची में शामिल था। ऐसे सभी नामों को अब लाभार्थियों की सूची से हटा दिया गया है। अपात्रों के नाम पर कितनी पेंशन ली गई, इसकी भी जानकारी की जा रही है। वहीं पात्र पेंशनरों को जुलाई में तीन माह की पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
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