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    अपनों से ठुकराई, योगी सरकार ने राह दिखाई; वन स्टॉप सेंटर बना 2.39 लाख महिलाओं का संबल

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 06:32 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अपनों से ठुकराई महिलाओं के लिए योगी सरकार ने सहारा दिया है। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से 2.39 लाख महिलाओं को संबल मिला है। यह सेंटर मह ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। जब अपनों का साथ छूटा और हर ओर निराशा थी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का वन स्टॉप सेंटर (OSC) लाखों उपेक्षित महिलाओं और बेटियों के लिए उम्मीद की किरण बना। यह सिर्फ एक आश्रय नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का केंद्र बन गया है, जिसने समाज से तिरस्कृत महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने का मौका दिया है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में यह सेंटर प्रदेश भर में 2.39 लाख से अधिक महिलाओं का सहारा बना है, उन्हें त्वरित न्याय दिलाने से लेकर आत्मनिर्भर बनाने तक हर कदम पर मदद कर रहा है।

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    उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा और संबल के लिए योगी सरकार ने एक मजबूत व्यवस्था तैयार की है। वर्तमान में, राज्य के 75 जिलों में 94 वन स्टॉप सेंटर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इन सेंटरों ने न केवल महिलाओं को कानूनी और भावनात्मक सहयोग दिया है, बल्कि उन्हें स्वावलंबी बनाकर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है। ऐसी ही एक कहानी लखनऊ की एक बेटी की है, जिसने अपनों की उपेक्षा का सामना करने के बाद वन स्टॉप सेंटर की मदद से पढ़ाई जारी रखी और अपनी लगन से बिहार पीसीएस-जे (PCS-J) परीक्षा में सफलता हासिल कर जज बनने का सपना पूरा किया।

    मानसिक संबल से लेकर आत्मनिर्भरता तक
    महिला कल्याण विभाग की निदेशक, संदीप कौर ने बताया कि डबल इंजन की सरकार का उद्देश्य उपेक्षित और ज़रूरतमंद महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। सेंटर में आने वाली महिलाओं को सबसे पहले ट्रॉमा काउंसिलिंग दी जाती है ताकि वे मानसिक रूप से सामान्य हो सकें। इसके बाद, उन्हें तत्काल न्याय दिलाने के लिए कानूनी और पुलिस सहायता प्रदान की जाती है।

    निदेशक ने आगे बताया कि सामान्य होने पर इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है। साथ ही, उन्हें विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रयास में कौशल विकास मिशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

    प्रतिष्ठित कंपनियों से प्रशिक्षण और रोज़गार
    वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से लाखों महिलाओं और बेटियों को होटल मैनेजमेंट, मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई सहित कई तरह के कोर्सेज में ट्रेनिंग दी गई है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, लाखों महिलाएं आज प्रति माह 15 से 20 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं।

    कई बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों ने इन महिलाओं को ट्रेनिंग और रोज़गार देने में सहयोग किया है। लेक्मे सैलून, स्टारबक्स और फाइव स्टार होटल्स जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज कई बेटियां फाइव स्टार होटल्स में सुपरवाइजर, स्टारबक्स कॉफ़ी हाउस और लेक्मे सैलून में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

    पीसीएस-जे और मेडिकल ऑफिसर बनकर बढ़ाया गौरव
    वन स्टॉप सेंटर महिलाओं और बेटियों को उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करता है। लखनऊ की जिस बेटी ने बिहार पीसीएस-जे की परीक्षा पास करके प्रदेश का नाम रोशन किया, वह इसकी सबसे बड़ी मिसाल है। इसके अलावा, एक अन्य बेटी ने हाल ही में आयुष विभाग के होम्योपैथिक विंग में मेडिकल ऑफिसर के पद पर ज्वाइन किया है।

    योगी सरकार द्वारा संचालित इन सेंटरों के उत्कृष्ट कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। लखनऊ के वन स्टॉप सेंटर को उसके बेहतरीन कार्यों के लिए वर्ष 2019 में राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं, पिछले वर्ष 8 मार्च को राज्यपाल द्वारा भी लखनऊ के सेंटर को सम्मानित किया गया।