Woman Digital Arrest : लखनऊ में 73 वर्षीया महिला का 22 दिन डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगों ने ऐेंठे 70 लाख रुपये
Woman Digital Arrested in Lucknow रीता के मुताबिक बीती 20 जून को क्राइम ब्रांच का स्टाफ बताकर सुनीता नाम की महिला ने उन्हें फोन किया। महिला ने उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते में जो भी धनराशि है और जितना भी सोना है वह सब गलत तरीके से कमाया है।

जागारण संवाददाता, लखनऊ : साइबर ठगों ने ऐशबाग निवासी 73 वर्षीय महिला को 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 70 लाख रुपये ऐंठ लिए। जालसाज ने बुजुर्ग रीता भसीन को फोन कर बताया कि उन पर सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज किया गया है, जिससे वह डर गईं और धीरे-धीरे 70 लाख रुपये जालसाजों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
बैंक में जमा सारा पैसा खत्म होने के बाद उन्होंने जब देवर को पूरी बात बताई तो उन्होंने रीता के साथ जाकर शुक्रवार को साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। रीता भसीन ने बताया कि उनके पति पत्रकार राजकुमार भसीन की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी है, उनके कोई संतान नहीं है, ऐसे में वह घर के पास ही एक दुकान चलाती हैं।
रीता के मुताबिक बीती 20 जून को क्राइम ब्रांच का स्टाफ बताकर सुनीता नाम की महिला ने उन्हें फोन किया। महिला ने उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते में जो भी धनराशि है और जितना भी सोना है, वह सब गलत तरीके से कमाया है। इसके बाद उसने विक्रम सिंह नाम के व्यक्ति को सीनियर बताकर रीता की बात कराई।
विक्रम ने कहा कि आपके खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज किया है। आपको दस वर्ष की सजा होगी, अगर बचना चाहती हैं तो सभी बैंक खातों की रकम बताए खातों में ट्रांसफर कर दीजिए, जांच के बाद सारा धन कर वापस कर दिया जाएगा। विक्रम ने उनसे कहा कि जब तक जांच चलेगी, तब तक किसी भी वक्त फोन किया जाएगा और उठाना पड़ेगा।
उन्होंने डर के कारण 56 लाख रुपये अलग-अलग कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद सोने के बदले गोल्ड लोन लेकर रकम भेजी। उन्होंने 22 दिनों में कुल 70 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जालसाज लगातार फोन करते रहते थे, अंत में रकम खत्म होने पर परिवार के किसी अन्य सदस्य से बात कराने के लिए कहा। रीता ने अपने देवर से उनकी बात कराई तो उन्होंने मामले को समझा और शिकायत दर्ज कराई।
रीता बताती हैं कि उनसे ज्यादातर बात तो सुनीता ही करती थी, लेकिन सोना गिरवी रखने की बात करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति ने फोन किया। उसने सोना गिरवी रखने के लिए एक-एक रास्ता बताया, इस दौरान फोन भी नहीं काटने देता था। काटने पर तुरंत जेल भेजने की धमकी दी जाती थी।
अपर पुलिस उपायुक्त(एडीसीपी) वसंत कुमार ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है, टीम लगाकर जालसाजों की तलाश की जा रही है। एडीसीपी ने बताया कि शिकायत मिलते ही रकम ट्रेस करने के लिए बैंक को मेल कर दिया गया है। साथ ही नंबर की सीडीआर निकाली जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।