IIT कानपुर और MNNIT प्रयागराज की मदद से यूपी में परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थी बनेंगे विज्ञान व गणित के माहिर
Education In UP उत्तर प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों को विज्ञान व गणित में माहिर बनाने के लिए IIT कानपुर और MNNIT प्रयागराज की मदद लेगी। बच्चों के लिए विज्ञान व गणित के क्लब खोले जाएंगे। बच्चों के लिए साइंस किट और माइक्रोस्कोप भी खरीदे जाएंगे।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार परिषदीय स्कूलों में छात्र छात्राओं को विज्ञान व गणित में माहिर करने के लिए IIT कानपुर और MNNIT प्रयागराज का सहारा लेगी।
विज्ञान के चमत्कार सीखेंगे परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थी
- परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थी इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (IIT), कानपुर व मोती लाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (MNNIT), प्रयागराज के मार्गदर्शन में विज्ञान के चमत्कार सीखेंगे।
- बेसिक शिक्षा विभाग इन दोनों संस्थानों की मदद से शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के उच्चकोटि के शैक्षणिक वीडियो विकसित कराएगा।
- वहीं स्कूलों में विज्ञान व गणित क्लब गठित किए जाएंगे। यह सब गतिविधियां राष्ट्रीय अविष्कार अभियान 2022-23 के तहत होंगी।
परिषदीय स्कूलों में होंगी क्विज व माडल प्रतियोगिताएं
- बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों से विज्ञान विषय के अच्छे शैक्षणिक वीडियो बनाकर आइआइटी कानपुर व एमएनएनआइटी प्रयागराज को भेजने के निर्देश दिए हैं।
- भारत सरकार की ओर से इन दोनों संस्थानों को मेंटर के रूप में चुना गया है।
- उन्होंने विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रूचि बढ़ाने के लिए ब्लाक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक क्विज व माडल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
- विद्यार्थियों को साइंस किट और माइक्रोस्कोप की मदद से उन्हें विज्ञान के प्रयोग कराए जाएंगे।
- विकास खंड स्तर पर क्विज प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को तारामंडल, रीजनल साइंस सिटी, म्यूजियम और वैज्ञानिक शोध संस्थानाें में शैक्षिक भ्रमण के लिए भेजा जाएगा।
- सभी ब्लाक से श्रेष्ठ 50 विद्यार्थियों की टीम शैक्षिक भ्रमण पर जाएगी। फिलहाल वर्ष भर में कौन-कौन सी गतिविधियां होंगी इसे तय कर लिया गया है।
परिषदीय विद्यालयों के 76 लाख बच्चों की विशेष माड्यूल से होगी पढ़ाई
- बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राथमिक विद्यालयों के 76 लाख से अधिक बच्चों को विशेष रूप से दक्ष बनाएगी।
- इन छात्र-छात्राओं ने स्कूल के वातावरण में कभी पढ़ाई नहीं की है। ऐसे बच्चों के लिए विभाग ने विशेष माड्यूल तैयार कराए हैं।
- पहली सितंबर से एक लाख 11 हजार 599 विद्यालयों में एक साथ पढ़ाई शुरू होकर लगातार 22 सप्ताह तक चलेगी। परिषदीय विद्यालयों में 1.90 करोड़ छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है।
- उनमें से 76,04,929 बच्चे कक्षा एक से तीन में दाखिल हुए हैं। कोरोना की वजह से दो वर्ष विद्यालय बंद रहे, बच्चों की कक्षा में पढ़ाई न होने से दक्षता प्रभावित हुई।
- इसलिए उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए योजना बनाई गई। इन बच्चों को तय किताबों से पढऩे और शिक्षकों को पढ़ाने में परेशानी होगी।
- विद्यालयों में कक्षा तीन तक का जो पाठ्यक्रम है उसी के आधार पर विशेष माड्यूल तैयार कराए गए हैं। यह कार्य विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को ही करना है, उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
हर स्कूल को मिलेगी ये सामग्री: एनसीईआरटी किट, गणित किट, निपुण लक्ष्य एप से शिक्षकों को पढ़ाने में सहूलियत मिलेगी। बच्चों के मूल्यांकन के लिए सरल एप मिलेगा। इन सबका केंद्र बिन्दु संदर्शिका ही रहेगा और उसका समय सारिणी, लेसन प्लान आदि में इस्तेमाल होगा।
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